मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश : ट्रक ड्राइवर की 'औकात' पूछने वाले जिलाधिकारी किशोर कन्याल पर गिरी गाज! हटाए गए! मुख्यमंत्री ने लगाई फटकार!

Arun Mishra
3 Jan 2024 7:34 AM GMT
मध्य प्रदेश : ट्रक ड्राइवर की औकात पूछने वाले जिलाधिकारी किशोर कन्याल पर गिरी गाज! हटाए गए! मुख्यमंत्री ने लगाई फटकार!
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ट्रक ड्राइवर की 'औकात' पूछने वाले जिलाधिकारी किशोर कन्याल पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने फटकार लगाई है.

मध्य प्रदेश : केंद्र सरकार द्वारा लाये गए नए 'हिट एंड रन' क़ानून को लेकर ट्रक ड्राइवर्स पूरे देश में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कल पूरा चक्काजाम था। हालांकि कल देर रात गृह मंत्रालय और ट्रांसपोर्ट यूनियन के बीच हुई वैठक के बाद हड़ताल वापस ले ली गयी है और नया कानून अभी लागू नहीं होगा जब तक उस पर सहमति नहीं बनेगी।

वहीँ कल मध्य प्रदेश के शाजापुर जिलाधिकारी किशोर कन्याल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें वो 'औकात क्या है तुम्हारी' कहते हुए दिख रहे हैं। दरअसल, कल शाजापुर जिले में हड़ताल कर रहे ट्रक ड्राइवर्स और शाजापुर जिला प्रसाशन जिसमें जिलाधिकारी किशोर कन्याल एसपी समेत तमाम अन्य लोग भी मौजूद थे. बातचीत चल रही थी जिसमें ड्राइवर्स की मीटिंग में कलेक्टर अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान वहां मौजूद एक ड्राइवर उन्हें बार-बार टोक रहा था। यह कलेक्टर किशोर कन्याल को नागवार गुजरा है। भरी मीटिंग में ही वह ड्राइवर को उसकी औकात दिखाने लगे। इस पर ड्राइवर ने उन्हें तपाक से जवाब दे दिया कि औकात की ही लड़ाई है। इतना सुनते ही मीटिंग में सन्नाटा पसर जाता है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया है.


मुख्यमंत्री ने लगाई फटकार!

ट्रक ड्राइवर की 'औकात' पूछने वाले जिलाधिकारी किशोर कन्याल पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने फटकार लगाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किशोर कन्याल को हटा दिया गया है. मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा है, 'मेरे ध्यान में लाया गया कि कल ट्रक ड्राइवर और जिला प्रशासन की बैठक में शाजापुर के अंदर जिस प्रकार से भाषा बोली गई अधिकारी को यह भाषा बोलना उचित नहीं है खासकर ये सरकार तो गरीबों की सरकारी है. यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हम गरीब उत्थान के लिए काम करते हैं और ऐसे में हर एक अधिकारी को वह कितना भी बड़ा अधिकारी हो उसको काम का भी सम्मान करना चाहिए और भाव का भी सम्मान करना चाहिए। इसलिए मनुष्यता के नाते से ये भाषा कम से कम हमारी सरकार में बर्दाश्त नहीं, मैं खुद मजदूर का परिवार का निकला हुआ बेटा हूं. इस नाते से उम्मीद करता हूं कि आगे इस प्रकार से अधिकारियों को वो इस तरह की भाषा बोलते हैं तो उन्हें संविधान में रहने का अधिकार नहीं है.

मैं उम्मीद करता हूं कि अब दोबारा जो अधिकारी आएगा वह इस प्रकार की भाषा का और व्यवहार का ध्यान रखेगा और इस प्रकार की भाषा जो बोली जाती है मुझे बहुत पीड़ा हुई मैं कभी क्षमा नहीं करूंगा इस तरह की बातों को..'


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