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Archived
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अमेरिकी विवि में गंगा को प्रदूषणरहित बनाने की बात की
Special Coverage News
15 July 2016 2:58 AM GMT
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ऋषिकेश
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता एवं ग्लोबल इन्टरफेथ वाश एलायंस के सह-संस्थापक-अध्यक्ष श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अपने विदेश प्रवास के दौरान भारत की गंगा को प्रदूषणरहित बनाने की चिन्ता अमेरिकी वैज्ञानिकों के समक्ष रखी। उन्होंने उनसे ऐसी अमेरिकी तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की, जिनके माध्यम से गंगा, यमुना सहित देश की नदियों को निर्मल, सजल और अविरल बनाया जा सकता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती के हवाले से परमार्थ निकेतन की एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि अमेरिका स्थित रोबोटिक्स इंस्टीट्यूट आॅफ कारनेगी मेलन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा अपनी नयी शोध में नदियों के प्रदूषण की मैपिंग करने, उसको मानीटर करने, गन्दगी को हटाने व उसे नियंत्रित करने की एक आधुनिक बोट तैयार की गयी है। यह बोट नदी में डालने पर स्वचालित प्रक्रिया द्वारा सारी गन्दगी को साफ कर देती है। श्री स्वामी जी ने बताया कि यह बोट एक मानवरहित यन्त्र है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की वैश्विक प्रबन्धक सुश्री रिचेल बर्किन के साथ इस विषय पर विस्तार से मंत्रणा हुई। उन्होंने यह भी बताया कि वह इस बोट को भारत में नदियों में उतारने हेतु भारत सरकार के मंत्रिगण व सचिवों के साथ बैठक कर इस आधुनिक तकनीक का लाभ अपने देश को दिलाने का प्रयास करेंगे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने बताया है कि वह अगस्त के अन्तिम सप्ताह में भारत आकर केन्द्र के जल संसाधन मन्त्री एवं पर्यावरण व वन मन्त्री के साथ विशेष रूप से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अध्यक्ष स्वयं भारतीय हैं और उन्होंने खासकर गंगा के लिए अपने शिक्षा संस्थान का पूरा सहयोग दिलाने का आश्वासन स्वामी चिदानन्द सरस्वती को दिया है। उन्होंने बताया कि अमेरिकी विवि में हुई बैठक में ग्लोबल इन्टरफेथ वाश एलायंस (जीवा) की न्यासी श्रीमती सविता सक्सेना, विश्वविद्यालय में इस विषय पर शोध कर रहे जीवा के प्रतिनिधि श्री सूर्यांस सक्सेना एवं सुश्री रिचेल बर्किन के पति श्री रियाद मोहम्मद भी मौजूद रहे।
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