...तो इस वजह से नहीं मिल पाते थे तत्काल टिकट, CBI ने किया घोटाले का बड़ा खुलासा

ट्रेनों के लिए तत्‍काल टिकट बुक करने में हो रही परेशानी के पीछे CBI ने बड़े घोटाले का खुलासा किया है। सबसे हैरानी की बात ये है की यह...;

Update: 2017-12-28 05:49 GMT

नई दिल्ली : ट्रेनों के लिए तत्‍काल टिकट बुक करने में हो रही परेशानी के पीछे CBI ने बड़े घोटाले का खुलासा किया है। बताया जा रहा है एक सॉफ्टवेयर के सहारे एक साथ तत्‍काल टिकट मिनटों में ही बुक कर खत्म हो जाया करता था।

सबसे हैरानी की बात ये है की यह सॉफ्टवेयर भी सीबीआई के ही असिस्टेंट प्रोग्रामर अजय गर्ग ने बनाया था। सीबीआई ने अपने इस प्रोग्रामर को गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक अजय गर्ग का यह खेल पिछले एक साल से जारी था।

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा करते हुए बताया कि अजय गर्ग के बनाए सॉफ्टवेयर को बुकिंग एजेंटों तक जौनपुर के अनिल कुमार गुप्ता नाम का आदमी पहुंचाता था। बुकिंग एजेंटों को अजय गर्ग के बारे में कोई जानकारी नहीं होती थी।

एक बार सॉफ्टवेयर मिलने के बाद बुकिंग एजेंट एक साथ सैंकड़ों तत्काल टिकट बुक कर सकता था। इसके लिए बुकिंग एजेंट आम लोगों से तत्काल टिकट के अधिक कीमत वसूलता था। इससे होने वाली अतिरिक्त कमाई का एक हिस्सा अनिल कुमार गुप्ता के पास पहुंचता था, जिसमें से बाद में अजय गर्ग तक उसका हिस्सा पहुंच जाया करता था।

गौरतलब है इस हाईटेक घोटाले में सॉफ्टवेयर के मार्फत ही अजय गर्ग एक-एक टिकट की जानकारी रखता था और उसी के हिसाब से अपना कमीशन लेता था। अजय गर्ग अपना हिस्सा अनिल कुमार गुप्ता से बिटक्वाइन के जरिए लेता था। कभी भी अगर नकदी की जरूरत पड़ती तो हवाला के जरिए भी पैसे मंगा लेता था। यही नहीं, जब भी अनिल कुमार गुप्ता दिल्ली आता था, तो वह अजय गर्ग उसका हिस्सा नगद दे देता था।

बता दें गिरफ्तारी के साथ ही सीबीआई ने सबूत जुटाने के लिए दिल्ली, मुंबई और जौनपुर में 14 स्थानों पर छापा मारा। छापे में 89 लाख रुपये नकद, 61 लाख रुपये सोने की ज्वेलरी, 15 हार्डडिस्क, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड 10 नोटबुक, छह रॉउटर, चार डोंगल, 19 पेन ड्राइव और अन्य दस्तावेज बरामद किया गया है।

सीबीआई ने FIR दर्ज करने के साथ ही अजय गर्ग और अनिल कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है और अजय गर्ग को साकेत की विशेष अदालत ने पांच दिन के लिए सीबीआइ की रिमांड पर भेज दिया है, जहां उससे पूछताछ हो रही है। वहीं जौनपुर में गिरफ्तार किये गए अनिल कुमार गुप्ता को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जा रहा है।

आपको बता दें कि यूपीएससी के मार्फत CBI में आने के पहले अजय गर्ग IRCTC में प्रोग्रामर था। आइआरसीटीसी में 2007 से 2011 के बीच नौकरी करते हुए उसने वेबसाइट की खामियों को पहचाना और नया सॉफ्टवेयर बनाकर उसे कमाई की साजिश में जुट गया। फिलहाल सीबीआई के अधिकारी इस रैकेट से जुड़े अन्य अभियुक्तों की तलाश में भी जुट गयी है।

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