नए साल की शुरूआत के ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल (माल एवं सेवाकर) यानि जीएसटी लागू होने से देश के ज्यादातर व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छोटे व्यापारियों की मानें तो उनका बिजनेस जीएसटी की वजह से लगभग खत्म हो गया है।
वहीं, अब जीएसटी से कमाई घटते ही मोदी सरकार के हाथ-पैर फूल गए हैं। सरकार चालू वित्त वर्ष की बाकी अवधि में सरकारी व्यय को पूरा करने के लिए बाजार से 50,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज लेगी।
सरकार ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी जारी की। आगामी चौथी तिमाही में सरकार सरकारी सिक्युरिटीज (जी-एसईसी) जारी करेगी। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 26 दिसंबर तक सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बाजार से कुल 3.81 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ मिलकर सरकार के कर्ज कार्यक्रम की समीक्षा के बाद सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में 'बाजार से अतिरिक्त 50,000 रुपये का कर्ज लेने का फैसला किया है।'
चालू वित्त वर्ष के आम बजट में सरकार ने सकल और शुद्ध बाजार कर्ज का क्रमश: 5,80,000 करोड़ रुपये और 4,23,226 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था। इसमें से 3,48,226 करोड़ रुपये का सरकारी सिक्युरिटीज से तथा 2,002 करोड़ रुपये टी-बिल्स से जुटाने थे।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार का सकल और शुद्ध बाजार कर्ज 26 दिसंबर तक क्रमश: 5,21,000 करोड़ रुपये और 3,81,281 करोड़ रुपये रहा है।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि सरकार यह कर्ज निश्चित अवधि वाली प्रतिभूतियों यानी सिक्योरिटीज़ के माध्यम से लेगी। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 26 दिसंबर तक सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बाजार से कुल 3.81 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ मिलकर सरकार के कर्ज कार्यक्रम की समीक्षा के बाद सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में 'बाजार से अतिरिक्त 50,000 रुपये का कर्ज लेने का फैसला किया है।'