सरकार के इस कदम से पैट्रोल होगा सस्ता,वित्तमंत्री ने दिए संकेत

केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है, लेकिन ऐसा वह सिर्फ राज्यों के साथ आम सहमति के बाद ही करेगी। यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी है।;

Update: 2017-12-21 06:44 GMT
नई दिल्ली : केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है, लेकिन ऐसा वह सिर्फ राज्यों के साथ आम सहमति के बाद ही करेगी। यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी है।
राज्यसभा में उत्तर देते हुए अरुण जेटली ने कहा, "जहां तक केंद्र सरकार का संबंध है, हम जीएसटी के तहत पेट्रोलियम उत्पादों को लाने के पक्ष में हैं। मुझे इसे स्पष्ट रूप से रखने दें। लेकिन हम राज्यों की सहमति का इंतजार करेंगे और मुझे उम्मीद है कि कुछ चरणों में अपेक्षा के बाद राज्य इससे सहमत होंगे।"
फिलहाल अलग-अलग राज्यों में पेट्रोलियम उत्पादों पर अलग-अलग टैक्स दरें हैं, जबकि पेट्रोलियम मंत्रालय इसमें एकरूपता लाना चाहता है । मसलन डीजल पर दिल्ली में वैट 16.75 फीसदी है, जबकि मुंबई में यह 28.51 फीसदी है। जेटली ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा जीएसटी परिषद में इस विषय को लंबित रखने के पूरक सवाल के जबाव में कहा कि जीएसटी परिषद की हर महीने होने वाली बैठकों में इस मुद्दे पर राज्यों के बीच आम राय के प्रयास जारी हैं।
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ओर से पूछे गए अनुपूरक प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की ओर से प्रस्तुत जीएसटी संबंधित संवैधानिक संशोधन मसौदा प्रस्ताव में पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी का हिस्सा नहीं माना गया था क्योंकि यूपीए को पता था कि यह राज्यों के साथ सौदा करने वाला होगा। जेटली ने कहा कि हमने बहुत सी चर्चा के बाद,राज्यों को जीएसटी के तहत पेट्रोलियम उत्पादों को लाने के लिए राजी किया।

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