आरबीआई ने टकसालों को दिया निर्देश, कहा कि बंद करो सिक्का बनाना

RBI gave instructions to mints, saying that stop making coin;

Update: 2018-01-11 08:08 GMT

नई दिल्ली : देश की टकसालों में सिक्कों का ऐसा ढेर लग गया है कि सिक्के बनाने का काम रोक दिया गया है। मामले की जानकारी रखने वालों ने बताया कि आरबीआई के कोषागार नोटबंदी के दौरान लोगों के घंटों-घंटों तक कतारों में लगकर जमा कराई गई करेंसी से भरे हुए हैं और इसके चलते आरबीआई टकसालों से कम सिक्के उठा रहा है। इसी के चलते सिक्के बनाना रोक दिया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की सिक्यॉरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के पास मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और नोएडा में टकसाल हैं। ईटी ने मुंबई और नोएडा यूनिट्स की ओर से स्टाफ को भेजे गए नोटिसों की प्रतियां देखी हैं, जिनमें सिक्का ढलाई रोकने की बात कही गई है।

ये है इसका असली कारण
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, आरबीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि टकसालों से सिक्के इसलिए कम उठाए जा रहे हैं क्योंकि, आरबीआई के कोषागार में पर्याप्त जगह ही नहीं है। कोषागार में पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट भरे हैं। नवंबर 2016 में नोटबंदी के चलते उस वक्त सर्कुलेशन में रहे नोटों का करीब 85 पर्सेंट हिस्सा अवैध करार दिया गया था।
नोएडा यूनिट के स्टॉक में करीब 2.53 अरब रुपए के सिक्के मौजूद हैं। लेकिन, आरबीआई ने इन्हें लेना बंद कर दिया है। आरबीआई की 2016-17 की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्कुलेशन में मौजूद सिक्कों की वैल्यू 14.7 पर्सेंट बढ़ी है। इनमें 1 और 2 रुपए के सिक्कों का हिस्सा 69.2 पर्सेंट था। आरबीआई 5 और 10 रुपए के नोटों के बजाय इनके सिक्कों के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है क्योंकि, कागज के मुकाबले मेटल ज्यादा लंबा चल सकता है ।

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