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सीडब्ल्यूसी की बैठक में हार से नाराज प्रियंका बिफर गई, बोलीं कांग्रेस की हत्यारे इसी कमरे में बैठे है!
लोकसभा चुनाव 2019 में हार के बाद कांग्रेस में वरिष्ठों की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस कार्यसमिति की 25 मई को हुई बैठक में महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कुछ वरिष्ठ नेताओं की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। प्रियंका ने तल्ख लहजे में कहा था कि कांग्रेस के हत्यारे इसी कमरे में बैठे हैं। इसी बैठक में राहुल ने भी वरिष्ठ नेताओं द्वारा अपने बेटों के लिए टिकट मांगने की जिद पर नाराजगी जाहिर की थी।
न्यूज एजेंसी यूएनआई को सूत्र ने बताया कि गांधी परिवार ने इस बैठक में कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा राहुल को जरूरी समर्थन ना देने पर नाराजगी जाहिर की थी। परिवार की नाराजगी स्पष्ट थी, क्योंकि सोनिया भी पूरी बैठक के दौरान नहीं बोलीं और यह जाहिर किया कि उन्हें भी अपने विश्वस्त साथियों से निराशा हासिल हुई।
इस्तीफे पर विचार के लिए राहुल को एक महीने का वक्त मिले- प्रियंका
सूत्र के मुताबिक, प्रियंका ही पहली नेता थीं, जिन्होंने यह सुझाव दिया कि राहुल को अपने इस्तीफे पर विचार के लिए एक महीने का समय दिया जाए। कांग्रेस नेताओं के साथ अपनी बातचीत में भी प्रियंका और राहुल ने कई नेताओं की कार्यप्रणाली को सही नहीं ठहराया।
राहुल ने कहा था- नेताओं ने अपने हितों को पार्टी से ऊपर रखा
सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने कुछ नेताओं द्वारा अपने बेटों को टिकट देने के लिए अड़ने पर नाराजगी जाहिर की थी। राहुल ने साफतौर पर कहा था कि इन नेताओं ने अपने हितों के लिए पार्टी के हित को दरकिनार कर दिया। नाराज राहुल ने कहा था कि लोकसभा चुनाव की हार पर अध्यक्ष होने के नाते उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए।
बैठक में चुप रहे चिदंबरम और गहलोत
सूत्र के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम चुपचाप थे। वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बैठक में शामिल नहीं हुए। कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ मप्र की छिंदवाड़ा और चिदंबरम के बेटे कार्ति तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से लोकसभा चुनाव जीते। वहीं, अशोक गहलोत के बेटे वैभव जोधपुर सीट से चुनाव हार गए।