लखनऊ

मायावती अखिलेश अली से, तो योगी बजरंगबली से मिले, लेकिन डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क मौत का पैगाम कहाँ से लाये!

Special Coverage News
13 April 2019 3:14 AM GMT
मायावती अखिलेश अली से, तो योगी बजरंगबली से मिले, लेकिन डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क मौत का पैगाम कहाँ से लाये!
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इस बात पर चुनाव आयोग ने सीएम योगी आदित्यनाथ को नोटिस दिया है. बार बार आयोग के निर्देश के बाबजूद सेना को भाषणों में घसीटा जा रहा है.

देश में लोकसभा का चुनाव अपने पुरे जोश पर है. तब देश में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार में अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल अशोभनीय तरीके से हो रहा है. लेकिन चुनाव आयोग मूक दर्शक के भांति चुपचाप जाने किस परिणाम की प्रतीक्षा में देख रहा है.


सबसे पहले आपको बता दें कि वोट सरेआम जातीय मुद्दों पर नहीं माँगना चाहिए. जबकि इस देश का दुर्भाग्य है कि वोट जातीयता के नाम पर मांग कर फिर पांच साल मलाई खायेंगे. जबकि जनता को ऐसे लोंगों को नकार देना चाहिए चाहे कोई भी हो. बात अब चुनाव के दौरान हुए अली और बजरंगबली पर करते है. इस बात पर चुनाव आयोग ने सीएम योगी आदित्यनाथ को नोटिस दिया है. बार बार आयोग के निर्देश के बाबजूद सेना को भाषणों में घसीटा जा रहा है.


जबकि कुछ पार्टिया और यूपी में बसपा की मुखिया मुसलमान का पर्सनल वोट मांग रही है. यह किस तरह की राजनीत हो रही है. बंगाल में बीजेपी अपने को असहाय मानकर चल रही है टी यूपी में सपा बसपा कांग्रेस बेजार नजर आ रही है. बीजेपी कुछ भी कहे. अब सपा बसपा ने भी रुख बदला और उनके संभल उम्मीदवार सीधे सीधे पीएम मोदी की मौत का पैगाम लेकर आये है. अब बताओ और क्या चाहिए.


जब मायावती और अखिलेश यादव अली से मिलकर अपनी बात कह रहे होंगे तो सीएम योगी भी बजरंगबली से मिलने के लिए पहुंचे होंगे. लेकिन उसी दौरान डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क दोनों की नजर बचाकर सीधा मौत का पैगाम लेकर निकल आये है. अब पीएम मोदी को ढूढ रहे है. आखिर चिठ्ठी तो मोदी की है यह तो केवल डाकिया है. डॉ वर्क यह भी भूल गये की पीएम के मौत का फरमान लाना भी देश द्रोह होता है.


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