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अगर सुन्नियों की जगह शिया को जमीन मिलती तो एक और राम मंदिर बनता : वसीम रिजवी
लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम जन्म भूमि मंदिर के लिए ट्रस्ट का ऐलान किया है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन देने का ऐलान किया है. इस फैसले के बाद मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा है कि 'राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाकर हुकूमत ने अपनी जिम्मेदारी पूरी की है और हिंदुओं को उनका हक राम मंदिर अयोध्या में मिला है. शिया मीर बाकी ने ढांचे का निर्माण कराया था. उसके बदले में सुन्नियों को जो जमीन मिली वो शियाओं की गलती है. क्योंकि शियाओं ने हमेशा सुन्नियों से दब कर अपनी आवाज को नहीं उठाया. जब शियाओं ने अपनी बात सुप्रीम कोर्ट में रखी तब तक 71 साल की देरी हो चुकी थी.' वसीम रिजवी ने आगे कहा कि शियाओं को मिलने वाली जमीन आज सुन्नियों को मिल रही है. अगर यह जमीन शिया वक्फ बोर्ड को मिलती तो वहां शिया वक्फ बोर्ड एक और राम मंदिर का निर्माण कराता.
योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है.
मौलाना सूफियान ने इस मामले में कहा है कि 'दिल्ली चुनाव को ध्यान में रख कर सभी धार्मिक मुद्दों को उठाया जा रहा है. हिंदुस्तान का सबसे बड़ा मुद्दा राम मंदिर है. उसे इलेक्शन से ठीक पहले लाया गया है. लेकिन अब जरूरी है कि ट्रस्ट बनने के बाद इस मामले में सियासत न हो.'
शिया धर्म गुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि 3 महीने पूरे होने से पहले पीएम मोदी ने ट्रस्ट की घोषणा कर दी है. इसके लिए उन्हें बधाई. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर के ट्रस्ट में शामिल होने के लिए लोगों में बेचैनी है. इसलिए ऐसा कोई झगड़ा आगे न हो यह भी देखा जाए.