अजब गजब

इसे कोठी, कुठार, कुठला, कुठली, कुठिया या डेहरी कहा जाता है!

Shiv Kumar Mishra
2 Aug 2021 10:22 AM GMT
इसे कोठी, कुठार,  कुठला, कुठली, कुठिया या डेहरी कहा जाता है!
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मिट्टी और भूसा डालकर बनाई जाती थी और सबसे अच्छी बात यह है कि इसे बनाने में आसपास की महिलाएं मदद करती थी सभी महिलाएं एक-दूसरे के घर डेहरी बनाने में मदद करती थी ....

इसे कई खंडों में बनाया जाता था और इसे बनाने की प्रक्रिया भी काफी मेहनत वाली होती थी... सबसे पहले तालाब से चिकनी मिट्टी लाकर उसे पानी में भीगाया जाता था फिर उसमें भूसा मिलाकर और उसे अलग-अलग खंडों में डेहरी बनाई जाती थी और मैं बचपन में ही यह देख कर चौक गया था कि गांव की अनपढ़ महिलाएं भी टेक्नोलॉजिकल कितनी जानकार होती थी क्योंकि एक खंड बनने के बाद जब उसके ऊपर दूसरा खंड रखना होता था तब उसके पहले ही वह एक खंड के एक तरफ खाचा और दूसरे खंड के तरफ उभार बना देती थी ताकि एक खंड के ऊपर दूसरा खंड अच्छे से फिट हो जाए उसके बाद मिट्टी का गाढ़ा लेप लगाकर जोड़ को सील कर दिया जाता था।

जब डेहरी बन जाती थी तब वहां #अगरबत्ती जलाकर पूजा होती थी और गुड़ बांटा जाता था। इस डेहरी में एक ऊपर बड़ा सा छेद होता था जिसके द्वारा अनाज इसमें भरा जाता था और इसमें नीचे भी एक छेद हुआ करता था जिसके द्वारा अनाज बाहर निकाला जाता था इसमें अनाज भरने के बाद मिट्टी के एक गोल हिस्से से इसे अच्छी तरह से सील कर दिया जाता था ताकि इसके अंदर बिल्कुल भी हवा या नमी न जाने पाए।

गांव की कई महिलाएं इस डेहरी में अपनी कीमती चीजें भी छुपा कर रखती थी इस मिट्टी की डेहरी में रखा #अनाज कभी भी खराब नहीं होता था।

सोचिए मात्र 30 या 40 साल पहले ही हम भारतीय अपने पर्यावरण के प्रति कितने जागरूक हुआ करते थे और कितनी अच्छी #biodegradable चीजें बनाया करते थे।

लेकिन अब आपको भारत के गांव में मिट्टी की डेहरी नजर कहीं कहीं ही आएगी।

साभार : जितेंद्र सिंह एवं राजीव कुमार

Shiv Kumar Mishra

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