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मेरे व्हाट्स एप में कभी भी कुछ भी आ सकता है। एक दिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का भी हलो आ जाएगा! इन मेसेजों के कारण मेरी हर सुबह नई हो जाती है। आज सुबह एक लोको-पायलट का मेसेज आया। वीडियो में देख रहा हूँ कि जम्मू उधमपुर मेल के इंजन केबिन में साँप हैंडल के सामने बैठा है। घूम फिर रहा है। चालक सुधार ट्रेन रोक कर कंट्रोल रूम में फोन कर रहा है। कभी-कभार हो जाने वाली ऐसी घटना का क्या किया जा सकता है। ग़नीमत है कि ट्रेन रूकी थी और साँप हैंडल के पास निकल आया। चलती ट्रेन में तेज़ हवा के झोंकों के साथ फ़न काढ़ कर बैठ जाता तब क्या होता!
वैसे भी कभी ट्रेन के चालक का केबिन देखिएगा। इतनी बड़ी रेल सेवा में केबिन में जल्दी संभव नहीं है लेकिन होना चाहिए। एयरकंडीशन की बात हुई मगर नहीं किया गया। तेज़ गर्मी में जलते हुए गाड़ी चला रहे होते हैं। इंजन की गर्मी से भी केबिन धधक रहा होता है। इसके बाद भी कमाल देखिए कि चालक भाई लोग हमें सुरक्षित पहुँचा देते हैं। अपना काम शानदार करते हैं। जल्दी एसी हो और केबिन साउंड प्रूफ़ हो। ऐसी मेरी प्रार्थना है।
यही नहीं इंजन में शौचालय नहीं होता है। कई घंटों तक मल-मूत्र का परित्याग रोकने के कारण उन्हें बहुत सी बीमारियाँ हो जाती हैं। राजधानी के इंजन में भी शौचालय नहीं होता है। हाल ही बाँबे डिविज़न में लोकल का चालक ट्रेन रोक कर पेशाब करने लगा। जनता ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया लेकिन कोई समझ नहीं सका कि बग़ैर शौचालय के किसी की क्या हालत हो सकती है। वैसे लोकल में जनता के लिए शौचालय नहीं होता होगा फिर भी लंबी दूरी की ट्रेन में रात रात भर बग़ैर शौचालय के इन चालक भाइयों की हालत कितनी ख़राब हो जाती होगी। फ़िलहाल हैंडल के सामने साक्षात नाग देवता का दर्शन करें!