अजब गजब

ये इमारतें जो खंडहर दिखाई देती है, कभी चांद सूरज इन्हें, सलाम किया करते थे!

Shiv Kumar Mishra
19 Oct 2020 3:51 AM GMT
ये इमारतें जो खंडहर दिखाई देती है, कभी चांद सूरज इन्हें, सलाम किया करते थे!
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दिल्ली की पहचान कुतुब मीनार, लाल किले से, आगरा की पहचान ताजमहल से और भोपाल की पहचान धीरे-धीरे विलुप्त। जहाँ भोपाल ताल और तालाबों के लिए मशहूर है, वहीं भोपाल बागो के लिए भी मशहूर था, भोपाल में 110 बाग हुआ करते थे, इन बागो में आम, जामुन,अमरूद और बेर के पेड़ हुआ करते थे । बाग उमराव दुल्हा, बाग फरहत अफज़ा,ऐश बाग,अब इन बागो की जगह मकानों के जंगल बन गए हैं और बावड़ीयो विलुप्त हो गई है । अब नंबर है,परवीन मंज़िल जो अब परी बाजार से जाना जाता है ।

शाहजहाँ बेगम ने महिलाओं के लिए परवीन मंज़िल (परी बाजार) बनवाया था, जहां केवल महिलाएं ही सामान बेच सकती थी एवं महिलाएं ही खरीदार थी। इसमें प्रवेश द्वार केवल एक ही था एवं चारों ओर ऊंची ऊंची दीवारें हुआ करती थी । कपड़ों से लेकर गहने, खानपान के सामान, मेहंदी एवं कढ़ाई बुनाई के सामान यहाँ पर महिलाओं द्वारा बेचे जाते थे, शाहजहाँ बेगम जिस दुकान पर ज़्यादा बिक्री होती थी और नायाब चीज़े बिकती थी उस दुकान को संचालित करने वाली महिला को सम्मान देती थी । उस दौर में परवीन मंज़िल(परी बाजार ) मे खूब रौनक हुआ करती थी चारों तरफ इत्र की खुशबू महकती थी, हंसी ठिठोली के साथ-साथ पूरे मनोरंजनो की व्यवस्था थी । पापड़ो की कुर्कुरहट, बिरयानी की महक,फूलों की खुशबू, चूड़ियों की खनक, लज़ीज़ कबाब, वर्की समोसे ऐसा लगता था वाकई परियाँ धरती पर आ गई हो ।

भोपाल शहर बेगमों का शहर, बेगमों के द्वारा सन् 1819 से ले कर 1926 तक भोपाल का राज चार बेगमों ने संभाला। आज हमारी सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर काम कर रही है। कुछ लोग लड़के-लड़कियों की बराबरी की बातें करते हैं, पर भोपाल में बेटियों के मामले में इतिहास काफी समृद्ध रहा है। भोपाल की नवाबी रियासत, जो सही मायनों में बेगमों से आबाद रही भोपाल के 240 साल पुराने इतिहास के 107 साल वह थे, जब यहां बेगमों ने शासन किया ।

कुदसिया बेगम सबसे पहली महिला शासक बनीं। वो गौहर बेगम के नाम से भी मशहूर थीं। उनके बाद,उनकी इकलौती बेटी सिकंदर जहाँ बेगम शासक बनीं। सिकंदर जहाँ बेगम के बाद उनकी पुत्री शाहजहांँ बेगम ने भोपाल रियासत की बागडोर संभाली। अंतिम मुस्लिम महिला शासक पुत्री सुल्तान जहाँ बेगम थीं। हम बात करते हैं शाहजहांँ बेगम की ।

शाहजहाँ बेगम का जन्म 29 जुलाई 1838 में भोपाल के करीब इस्लाम नगर में हुआ था । सिकंदर जहाँ बेगम की मृत्यु के बाद, शाहजहाँ बेगम पूरी शक्तियों के साथ भोपाल की शासक बन गईं थी,शाहजहाँ बेगम ने

1868 से 1901 तक राज किया और मुंह के कैंसर की वजह से 16 जून 1901 को 62 वर्ष की उम्र में उनका देहांत हो गया था । शाहजहाँ बेगम ने राज्य के कल्याण, चहुमुखी विकास‌ और महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे काम किए, उन्होंने बेटियों की शिक्षा से लेकर महिलाओं के रोज़गार तक के काम बढ़-चढ़कर किये थे ।

शाहजहाँ बेगम वास्तुकला के बारे में काफी जानकार थी, शाहजहाँ बेगम ने एक मिनी-शहर बनाया, जिसे शाहजहानाबाद कहा जाता है। उन्होंने अपने लिए एक नया महल भी बनवाया था,उसका नाम ताज महल रखा। आज भी ताजमहल के कुछ शानदार हिस्सों के खंडहर देखे जा सकते है।

शाहजहाँ बेगम ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए बहुत सारी योजनाएं बनाई थी। शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन की योजनाएं नारी सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण साबित हुई थी। महिलाओं के लिए स्वरोजगार व स्वावलंबन की नई राहें खुली थी।

भोपाल की इस धरोहर को बचाने के लिए भोपाल के कुछ लोग सामने आए हैं और कुछ पत्रकार साथियों ने इस मुहिम में उनका साथ दिया है,जाहिद मीर,मेहताब आलम और वरिष्ठ पत्रकार पल्ली गुप्ता जिन्होंने कुछ वर्ष पूर्व भोपाल की जनता को हमारे बचे हुए धरोहरों की जानकारी हर हफ्ते देते थे । अब यह बीड़ा मेहताब आलम साहब और जाहिद मीर दैनिक भास्कर के डीबी स्टार ने उठाया है, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाचार पत्र दैनिक भास्कर के डीबी स्टार ने के द्वारा यह बात शासन तक पहुंचाने की भरपूर कोशिश की है ।

शाहजहांनाबाद क्षेत्र में 10.02 हैक्टेयर जमीन पर परवीन मंजिल (परी बाजार) -राम नगर और आसपास के क्षेत्र में स्थित 489 सरकारी मकानों के साथ तीन बैरेक और एक स्टोर तोड़कर 560 नए मकान बनाने हैं। इन मकानों को नए सिरे से बनाएगे

5.03 हैक्टेयर जमीन पर कॉलोनी और कमर्शियल दुकान बनाई जाएंगी । भोपाल इकलौता ऐसा शहर है, जहां पर धीरे धीरे हमारी धरोहर खत्म होती जा रही है, और हम बेखबर है । अगर सरकार चाहे फिर से परी बाजार को पुराने स्वरूप में चालू करके महिलाओं को नए रोजगार के आयाम दे सकती है । मध्य प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण की मिसाल पूरे देश के सामने पेश कर सकती है, इससे दो फायदे होंगे हमारी धरोहर भी बच जाएगी और महिलाओं को रोजगार भी मिल जाएगा । परवीन मंजिल परी बाजार को बचाने के लिए भोपाल की बेगमो ने फिर से यह बात साबित कर दी है भोपाल की महिलाएं पुरुषों से आगे हैं भोपाल का एक क्लब जिसका नाम है बेगमस ऑफ भोपाल ने भोपाल कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है क्लब की मेंबरों ने भोपाल कलेक्टर से मांग की है, परवीन मंजिल (परी बाज़ार )को बचाने की इस मौके पर रख़शां ज़ाहिद, बीनू धीर, यास्मीन अलीम, सेहबा फ़रहत, रुबीना ख़ान, शीबा परवेज़ और तमसील ख़ान,

रीनी मलिक, नेहा शरीफ़, रश्मि द्विवेदी, संस्कृति सिंह, रश्मि भार्गव, रीनू यादव, सारिका चतुर्वेदी, वंदना सिंह, शिल्पा मल्येवर।

यह अज़दाद(पूर्वज)

‌ की मेहनत हैं

कि तुम बैठे हो साये में ‌

तुम अपनी आने वाली

नस्लों के लिए पौधा

लगा देना ।।

मोहम्मद जावेद खान

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