एक ऐसा अनोखा गावं जहां का हरेक कुत्ता है करोड़ों का मालिक

आपको ये खबर जानकर थोड़ी हैरानी हो रही होगी लेकिन हमारे देश में एक ऐसा भी गावं है जहां के कुत्ते करोड़पति है। आप चौंकिए नहीं, ये खबर बिलकुल सच है।;

Update: 2018-04-09 09:50 GMT

गुजरात : आपको ये खबर जानकर थोड़ी हैरानी हो रही होगी लेकिन हमारे देश में एक ऐसा भी गावं है जहां के कुत्ते करोड़पति है। आप चौंकिए नहीं, ये खबर बिलकुल सच है। गुजरात के मेहसाणा जिले के पंचोट गांव में एक ट्रस्ट की देखरेख में 70 कुत्ते रहते हैं और ये सभी कुत्ते करोड़पति हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पंचोट गांव के लोगों ने कुत्तों के कल्याण के लिए एक संस्था 'मद नी पाटी कुटारिया' बनाई है। इस संस्था के पास 21 बीघा जमीन है। इससे होने वाली आमदनी को केवल कुत्‍तों के कल्‍याण के लिए ही खर्च किया जाता है।

दरअसल मेहसाणा बाईपास के बनने की वजह से यहां जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। यहां की जमीन अब महंगी होकर तकरीबन 3.5 करोड़ रुपये प्रति बीघे के रेट पर बिक रही है। इस तरह संस्था की 21 बीघा जमीन की कीमत 70 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

इस लिहाज से देखा जाए तो हर कुत्‍ता 'करोड़पति' है। यानी हर कुत्‍ते पर करीब एक करोड़ रुपये की धनराशि बनती है। 21 बीघे जमीन से होने वाली आमदनी को पूरी तरह से कुत्‍तों की देखभाल पर खर्च किया जाता है। इसके जरिये यहां 70 कुत्‍तों का भरण-पोषण किया जाता है।

हालांकि इन कुत्‍तों के नाम पर जमीन नहीं है लेकिन करीब 80 वर्षों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक जिन लोगों ने जमीन का दान दिया है, वे लोग इसकी आमदनी का कोई हिस्‍सा नहीं लेता। इससे होने वाली कमाई से कुत्तों की देखभाल की जाती है। ये पूरी तरह से ट्रस्‍ट की देखरेख में रहता है।

आपको बता दें करीब 80 साल पहले शुरू हुई इस परंपरा के‍ लिए 70 साल पहले इस ट्रस्‍ट का निर्माण किया गया। अब गांव के लोगों को इस परंपरा पर गर्व है। हर साल इन 21 बीघे को सबसे ज्‍यादा बोली लगाने वाले को बंटाई के लिए दिया जाता है और उससे जो अनाज और पैसा आता है, उससे इन कुत्‍तों के लिए खान-पान और देखभाल की चीजें खरीदी जाती हैं।

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