एक ऐसा देश जहां एक सेकेंड भी ट्रेन लेट हो जाए तो अफसर सरेआम मांगते हैं माफी

एक तरफ जहां भारत में ट्रेनों का लेट होना आम बात है वहीं एक ऐसा भी देश है जहाँ की रेलवे अपनी समयबद्धता के लिए दुनिया में जानी जा रही है।

Update: 2018-05-09 13:58 GMT

नई दिल्ली : एक तरफ जहां भारत में ट्रेनों का लेट होना आम बात है वहीं एक ऐसा भी देश है जहाँ की रेलवे अपनी समयबद्धता के लिए दुनिया में जानी जा रही है। हम बात कर रहे है जापान की। जापान की ट्रेनों के समय को लेकर कई बातें बताई जाती हैं।

जापान की ट्रेनों का शेड्यूल इतना सटीक है कि अगर ट्रेन में कुछ सेकेंड्स की देरी होने पर भी रेलवे ऑफिसर्स को हर पैसेंजर से माफी मांगनी पड़ जाती है। जापान की बुलेट ट्रेन शिन्कासेन का रिकॉर्ड है कि वह कभी 36 सेकंड से ज्यादा लेट नहीं हुई है। लेकिन अगर इसमें देरी हुई तो ऑफिसर इसका अंजाम भुगतते हैं।

जापान में समय का बहुत ख्याल रखा जाता है। सरकारी हो या प्राइवेट ऑफिस, एक-एक मिनट की देरी भी गंभीर मानी जाती है। कहा जाता है कि जापान के लोग ट्रेनों के आने जाने से अपनी घड़ियों का समय मिलाते हैं। हालांकि जापान में भी कई बार तकनीकी गड़बड़ी के चलते ट्रेन लेट हो जाती हैं।

बताया जाता है कि अगर कभी किसी स्टेशन पर ट्रेन कुछ सेकंड या मिनट के लिए लेट होती है तो यात्रियों की अगले स्टेशन पर दूसरी ट्रेन छूट जाती है। इससे उनकी देरी का फासला बढ़ जाता है। ऐसे में यात्री ऑफिस के लिए लेट हो जाते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए जापानी रेलवे की ओर से यात्रियों को सर्टिफिकेट दिया जाता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ये डिले सर्टिफिकेट हर यात्री को दिया जाता है। जब ट्रेन लेट होती है तो स्टेशन पर रेलवे का स्टाफ खड़ा हो जाता है और वह यात्रियों को डिले सर्टिफिकेट देता है। जिसे यात्री अपने दफ्तर में दिखाते हैं और कार्रवाई से बच जाते हैं।

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