बिहार : जहरीली शराब कांड में 14 को उम्रकैद एक को दो साल की जेल, 21 लोगों की हुई थी मौत
कोर्ट ने दोषियों को सजा का एलान कर दिया है। प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ने सभी 15 अरोपियों को दोषी पाया था।;
आरा : भोजपुर के चर्चित जहरीली शराब कांड में कोर्ट ने दोषियों को सजा का एलान कर दिया है। प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश ने सभी 15 अरोपियों को दोषी पाया था। इसके बाद कोर्ट ने 14 लोगों को उम्रकैद और एक को दो साल की सजा सुनाई है। 14 को गैर इरादतन हत्या, एससीएसटी एक्ट और उत्पाद अधिनियम के तहत दोषी पाया गया था, वहीं एक को उत्पाद अधिनियम और एसएसटी के तहत दोषी पाया गया था। मंगलवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था। दोषी साबित करने के बाद ही सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया था। बता दें कि 7 दिसंबर 2012 को जहरीली शराब पीने से शहर में 21 लोगों की मौत हो गई थी। शहर में तीन दिनों तक मौत का सिलसिला चलता रहा था।
7 दिसंबर, 2012 की रात याद कर लोग आज भी सिहर जाते हैं। वह रात अनाईठ महादलित बस्ती सहित शहर के अन्य इलाकों के लोगों के लिए कयामत की रात थी। उस रात ढाई दर्जन से अधिक लोगों ने शराब पी थी। उसके बाद लोगों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया था। तीन दिनों तक मौत का सिलसिला चलता रहा। इस दौरान एक-एककर 21 लोगों की जान चली गई थी। इनमें से अधिकतर संख्या अनाईठ महादलित बस्ती के लोगों की थी। वहीं जैसे-जैसे मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा था। लोगों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा था। देखते ही देखते ही भोजपुर सहित पूरे सूबे में तहलका मच गया था। एक-एककर 21 लोगों की मौत से जिला प्रशासन व सरकार सकते में आ गई थी।
मृतकों में पांच महिलाएं भी थीं
मरने वालों में पांच महिलाएं भी शामिल थीं। कुन्ती देवी, हरेंद्र मुसहर, धनजी साह, चांददेव मुसहर, जितेंद्र राम, मंझारो देवी, ललिता देवी, शिव कुमारी देवी, मंजय कुमार, बृजराज सिंह, महेंद्र चौधरी, सुरेश पासवान, रमेश राम रजक, रवि राम, वसीर अहमद, लालती देवी, दिलीप चौधरी, अनाइठ राजेश्वर यादव, मिश्री चौधरी, लाला पासवान व एक अज्ञात 45 वर्षीय व्यक्ति शामिल थे।
मरने वालों की संख्या को लेकर भी मची थी हाय तौबा
जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या को लेकर भी काफी हाय-तौबा मची थी। जिला प्रशासन द्वारा मरने वालों की संख्या 21 बताया जा रहा था। वहीं लोगों का कहना था कि 30 से अधिक लोगों की जान गई थी। लोगों के अनुसार कुछ लोगों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों द्वारा उनका पोस्टमार्टम कराये बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था। जिला प्रशासन द्वारा उनकी गिनती नहीं की गई थी।
जहरीली शराब कांड में दर्ज की गयी थी दो प्राथमिकी
शराब पीने से 21 लोगों की मौत को लेकर नवादा थाने में दो प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। पहली प्राथमिकी तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवनारायण राम और दूसरी दारोगा राजू कुमार के बयान पर की गयी थी। पहली प्राथमिकी में पांच नामजद व अन्य अज्ञात को आरोपित किया गया था। नामजद आरोपियों में पप्पू चौधरी, मनोज यादव, मोहन साह, राकेश कुमार व संजय सिंह शामिल थे। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पांच अप्राथमिकी आरोपियों को जेल भेज दिया गया था।
इनमें मीरगंज के मनोज सूढ़ी, मथवलिया के उपेंद्र, अनाईठ निवासी संजय बहादुर व सरोज प्रसाद शामिल थे। वहीं दूसरी प्राथमिकी में आठ लोगों को नामजद किया गया है। इनमें गौतम कुमार बबलू, संजय सिंह, चीनी ऊर्फ चुन्नु, अनिल कुमार, चुन्नु कुमार, नंदकिशोर यादव, बली व विजय शामिल थे। इस मामलें में चार फरवरी 2013 को 15 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। उसके बाद ट्रायल शुरू हुआ था। इस दौरान कुल 69 गवाहों का बयान कलमबंद किया गया है।