बिहार कांग्रेस में बढ़ी कलह, अशोक चौधरी के बाद अब इन विधायकों ने पाला बदलने के दिए संकेत

अशोक चौधरी समेत चार विधान पार्षदों के कांग्रेस से अलग होते ही कई और विधायक अपना पाला बदलने के मूड में हैं। होली के ठीक पहले बिहार कांग्रेस में ये बड़ी टूट हुई है।;

Update: 2018-03-01 08:30 GMT

पटना : बिहार की राजनीतिक में उठा-पटक अपने चरम पर है। एक ओर जहां बीजेपी से खफा होकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए, वहीं अशोक चौधरी के साथ चार विधान पार्षदों ने कांग्रेस का साथ छोड़ जदयू में शामिल हो गए।

होली के ठीक पहले बिहार कांग्रेस में ये बड़ी टूट हुई है। बुधवार की देर रात बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी समेत कांग्रेस के चार विधान पार्षदों (MLC) दिलीप चौधरी, रामचंद्र भारती और तनवीर अख्तर ने पार्टी को अलविदा कह जदयू का दामन थाम लिया।

इस बीच राजनीतिक हालात ये बयां कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में बिहार कांग्रेस में एक और बड़ी टूट हो सकती है। खबर है अशोक चौधरी के कांग्रेस से अलग होते ही कई और विधायक अपना पाला बदलने के मूड में हैं। कांग्रेस के कई नाराज विधायकों ने इस बाबत संकेत दिये हैं।

बरबीघा के कांग्रेस विधायक सुदर्शन अशोक चौधरी के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी मेरे बड़े भाई हैं उन्हें कांग्रेस से ठेस पहुंचा है। वे जहां भी रहेंगे मैं उनके साथ हूं। उनका आरोप है कि भभुआ सीट का जब बंटवारा हुआ तो अशोक चौधरी से राय नहीं मांगी गई और उन्हें दरकिनार रखा गया लेकिन अब उनके अलग होने से कांग्रेस कमजोर पड़ जाएगी। जदयू में शामिल होने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि यह तो समय बताएगा।

वहीं, बक्सर के कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी ने कहा कि जब पार्टी नेतृत्व बिहार में अशोक चौधरी जैसे व्यक्तित्व को नहीं संभाल सकी तो हम जैसे कार्यकर्ताओं का क्या होगा। जिस तरह से अशोक चौधरी को पार्टी ने हासिये पर लाकर हटाया है, उससे पूरे बिहार में हमारी पार्टी नीचले पायदान पर चली जायगी। मैं नैतिकता के आधार पर अशोक चौधरी के साथ हूं।

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