राज्य में बन रही है कृषक उत्पादक संगठन के लिए अलग से नीति: अमरेन्द्र प्रताप

Update: 2021-11-18 06:07 GMT

पटना। राज्य में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के लिए अलग से नीति बन रही है। इसके तहत एफपीओ को बीज एवं खाद का लाइसेंस मुफ्त देने पर सरकार विचार कर रही है। इसके लिए बिहार लघु कृषक कृषि व्यापार संघ को भी पुनर्जीवित किया गया है। साथ ही, एफपीओं सदस्य किसानों को एक करोड़ रुपए लोन लेने पर केन्द्र सरकार 85 लाख रुपये की क्रेडिट गारंटी देगी।

किसान हित की ये घोषणाएं राज्य के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह, केन्द्र की अधिकारी डॉ. एन विजयलक्ष्मी और राज्य के कृषि सचिव डॉ. एन सरवण कुमार ने की। अधिकारी पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के लिए नये एफपीओ के गठन को बढ़ावा देने के लिए '10 हजार नये एफपीओ के गठन और संवर्धन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। बामेती में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में एफपीओ का गठन किया गया है। सरकार कृषि उत्पादक समूहों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनकी कठिनाइयों को दूर करने के लिए राज्य सरकार बिहार एफपीओ पॉलिसी लाने जा रही है।


डॉ. एन विजयलक्ष्मी ने कृषि मंत्री से दस हजार वर्गफीट जमीन की मांग की। कहा कि सरकार अगर इसकी व्यवस्था कर देती है तो उत्पादों को बिहार से ही 'एग मार्क मिलने लगेगा। मार्केटिंग बोर्ड के भंग होने के बाद यह मशीनें कोलकाता चली गई हैं। जमीन होने पर व्यवस्था फिर बहाल होगी। 10,000 कृषक उत्पादक संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी नीधि बनाई गई है।

कृषि सचिव डॉ. एन सरवण कुमार ने कहा कि एफपीओ बीज, उर्वरक, कीटनाशक जैसे आवश्यक उपादान सदस्य किसानों को बाजार मूल्य से कम पर उपलब्ध कराया जाता हैं। साथ ही, बहुत कम लागत पर कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से कृषि यंत्र किराये पर देते हैं। एफपीओ मुख्य रूप से उत्पाद के मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और उत्पादों की ब्रांडिंग में सहयोग करते हैं। कहा कि एफपीओ को बीज एवं उर्वरकों का लइसेंस नि:शुल्क देने पर सरकार विचार कर रही है।

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