नीतीश को मिले ऑफर से बीजेपी की उडी नींद!

Update: 2018-03-31 09:24 GMT

बिहार में राजनीत को लेकर हमेशा कब ऊंट किस करवट बैठ जाय कहना मुश्किल होगा. लेकिन जिस तरह से रामनवमी के बाद पूरा बिहार दंगा की चपेट में आया है उससे नीतीश कुमार की सेकुलर छवि पर असर जरुर पड़ा है. उनको अब अपनी सरकार की सेकुलर छवि बचाना मुशिकल होता जा रहा है. 


लेकिन जिस तरह से बिहार में कांग्रेस ने फिर गेंद नीतीश के पाले में फेंक दी है. नीतीश को सलाह दी है कि आप फिर से महागठवंधन की कमान संभालो उससे बीजेपी के सभी नेताओं के चेहरे की हवाईयां उड़ गई है. क्योंकि जिस तरह से नितीश कुमार को पल्टूराम की संज्ञा दी गई है वो ऐसे नहीं दी गई है. हालांकि जिस उदेश्य से भी नितीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई वो भी पूरा होता नहीं दिख रहा है. जबकि प्रदेश में उनकी छवि एक सुलझे हुए नेता की मानी जाती रही है. 


नीतीश कुमार ने ये कभी नहीं सोचा था कि मेरे सीएम रहते हुए मेरे प्रदेश में हिन्दू मुस्लिम दंगे होंगे. लेकिन पूरा बिहार जल रहा है. जिसमें बिहार बीजेपी से लेकर केन्द्रीय मंत्री तक शामिल बताये जा रहे है. ऐसे में नितीश कुमार खुद को एक निरीह मुख्यमंत्री के तौर पर जरुर देख पा रहे होंगे. इस पुरे घटना क्रम से बिहार में नीतीश की खुद की छवि बड़ी ही धूमिल होती नजर आ रही है. चाहे राजनैतिक पंडित उन्हें कुछ भी समझाने में कामयाब हो जायं. 


अब बिहार में जिस तरह दलित, पिछड़ों और मुस्लिम समाज में राजद के युवा नेता तेजस्वी अपनी छवि सुधार करते नजर आ रहे है. उनको आने वाले लोकसभा और विधानसभा में जरुर इसका लाभ मिलेगा जबकि उनके चाचा नितीश को इससे नुक्सान होता प्रतीत हो रहा है. 

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