मोदी जी आपके सांसद तो हो गये मौन, अब बतायेगा कौन?

Update: 2017-11-06 10:49 GMT

पैराडाइज पेपर्स लीक होते ही पूरे भारत में खलबली मच गई है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का नाम आने के बाद यह चर्चा और भी तेज हो गई कि इस पेपर लीक में और कितने बड़े चेहरे सामने आ सकते हैं. कई भारतीयों की इस सूची जगह दी गई है. पैराडाइज पेपर्स में बीजेपी के ही एक और बड़े नेता व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा का नाम भी उछला है. नाम उछलते ही सांसद मौन व्रत धारण कर लिये है. 


राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा का नाम इस पेपर लीक में आने के बाद उन्हें पत्रकारों ने इस पर सफाई देने के लिए घेर लिया. वे पत्रकारों के सवालों का जवाब देने से बचते दिखे. इतना ही नहीं आरके सिन्हा ने चुप्पी साधते हुए एक पेपर पर लिख कर मीडिया को दिखा दिया. उस पेपर में लिखा था कि वे भगवत यज्ञ में मौन व्रत पर हैं. बता दें कि पनामा पेपर्स के बाद अब पैराडाइज पेपर्स के जरिए विश्व के 180 देशों के कई अमीर और शक्तिशाली लोगों के गुप्त निवेश की जानकारी मिली है, जिसमें बीजेपी के राज्यसभा आरके सिन्हा सहित 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं.




 

आपको बता दें कि पैराडाइज पेपर्स उनके नाम आने के बाद जब मीडिया ने सवाल किया तो पहले तो उन्होंने सिर हिलाकर जवाब देने से मना कर दिया.  इसके बाद पत्रकारों से एक पेन लेकर एक कागज में लिखा, '7 दिन के भागवत महायज्ञ में मौन व्रत पर है.' 


वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र किशोर सिन्हा की कंपनी एसआईएस सिक्यॉरिटीज का नाम भी इसमें सामने आया है. दस्तावेज में दावा किया गया है कि इस कंपनी की विदेश में दो कंपनियां हैं. माल्टा रजिस्ट्री के रेकॉर्ड के मुताबिक एसआईएस सिक्यॉरिटीज की सहायक कंपनी एसआईएस एशिया पसिफिक होल्डिंग्स (SAPHL)2008 में माल्टा में रजिस्टर्ड हुई. सिन्हा की पत्नी रीत किशोर इस कंपनी की डायरेक्टर हैं. इसी के साथ एसआईएस इंटरनैशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (SIHL) ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में शामिल है जिसके SAPHL में 3, 999,999 (करीब 40 लाख) शेयर हैं. माल्टा रजिस्ट्री से मिले 13 अक्टूबर 2008 के डॉक्यूमेंट के अनुसार, SAPHL के प्रत्येक एक यूरो के करीब 1499 साधारण शेयर माल्टा की पीसीएल इंटरनैशनल होल्डिंग्स लिमिटेड से एसआईएस इंटरनैशनल होल्डिंग्स लिमिटेड में ट्रांसफर हुए थे.


अब इस प्रकरण के सामने आने से भाजपा लगातार बैकफुट पर आती नजर आरही है, पहले अमित शाह के बेटे फिर अजित डोभाल के बेटे और ये पैराडाइज पेपर्स लीक का मामला सामने आया है. लेकिन बीजेपी अपना बचाव पक्ष ही पेश कर पा रही है पक्के सबूत लेकर विरोध नहीं. गुजरात चुनाव के दौरान इस तरह के मामले आने से बीजेपी की परेशानियाँ बढती जा रही है. क्योंकि बीजेपी को गुजरात में कड़ी मुश्किलों का सामना करना पढ़ रहा है. ऐसे में इस तरह की बातें सामने आने पर दिक्कतें और बढती नजर आ रही है. 

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