बिहार बोर्ड और टॉपर संदेह के घेरे में, बिहार बोर्ड अध्यक्ष तथा शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की माँग
साइंस की टॉपर कल्पना बनी, अभी कुछ ही दिन पहले ही Neet के परिणाम आये जिसमे कल्पना ने टॉप किया और बिहार का नाम पूरे देश मे रौशन किया और अपने सफलता का श्रेय दिल्ली की कोचिंग आकाश इंस्टीट्यूट को दिया।;
6 जून को बिहार बोर्ड के 12वी के नतीजे आ गए। साइंस की टॉपर कल्पना बनी, अभी कुछ ही दिन पहले ही Neet के परिणाम आये जिसमे कल्पना ने टॉप किया और बिहार का नाम पूरे देश मे रौशन किया और अपने सफलता का श्रेय दिल्ली की कोचिंग आकाश इंस्टीट्यूट को दिया। कल्पना के टैलेंट पर कोई सवाल नही है , लेकिन सवाल है बिहार के शिक्षा व्यवस्था पर की कैसे कल्पना दिल्ली में कोचिंग करते हुए बिहार के शिवहर जिले के स्कूल में हाजिरी लगाती रही।
आज आनंद किशोर व बिहार बोर्ड में व्याप्त सिस्टम जरूर कटघरे में खड़ा है। बिहार की शिक्षा को सुधारने की ललक शायद सरकार में नही दिख रही है। क्या 75% अटेंडेंस बिहार के स्कूलों में जरूरी नही है ? यह बहुत ही आश्चर्य की बात है कि अटेंडेंस जरूरी है या नही ये हमारे शिक्षा मंत्री को भी नही पता है । प्राथमिक से उच्च स्तर तक सरकारी शिक्षा व्यवस्था लचर है। संक्रमण काल से गुजर रही है बिहार की शिक्षा व्यवस्था और इन सबके जिम्मेदार बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर तथा शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा है।
इनलोगो को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सबसे अहम सवाल यह है कि इस बार लगभग 47% छात्र असफल हो गए है तो क्या बिहार के स्कूलों में पढ़ाई ही नही होती है या फिर ये 47% छात्र पढ़ाई किये ही नही ? कौन जिम्मेदार है ?