बिहार में अजीबोगरीब बीजेपी की हालत, लड़ना होगा सिर्फ तीन सीट पर!
मंत्री रामविलास पासवान के बेटे ने मंगलवार को कहा था कि अब सीटों की मांग पुराने नहीं नए तरीके से होगी.;
बिहार में राजग में अब धीरे धीरे भूकंप जैसे हालात बनते जा रहे है. कब कौन सी इमारत इस गुट से दरक जाय कहा नहीं जा सकता है. अभी भी कुछ नेता मोदी के करिश्में के चक्कर में रुके हुए है. शायद सब कुछ ठीक हो जाएगा. लेकिन अंदर से अंतरात्मा की आवाज दबाए बैठे है. आवाज आ रही है बिहार में अब एनडीए के लिए अरह आसान नहीं है. इसके बाद सीटों के बंटवारे पर भी मामला बनता नहीं दिख रहा है.
बता दें कि पहले जदयू 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ता था और बीजेपी 15 सीटों पर लढती थी. उसके बाद नए गठवंधन में सात सीटों पर लोजपा और आठ सीटों पर रालोसपा चुनाव लड़ी. जबकि बीजेपी 25 सीटों पर चुनाव लड़ी. अब चूँकि जदयू फिर इस गठवंधन में शामिल हो गया है. तो उधर नीतीश अपनी पुरानी सीटों की मांग कर रहे है , उपेन्द्र कुशवाहा अपनी मांग करेंगें. तो रामविलास पासवान अपनी सीटों की मांग करेंगें. ऐसे में आखिर बीजेपी के लिए कोई सीट नहीं बचती है तो वो चुनाव कहाँ लड़ेगी. सोचकर उसके होश उस गये होंगे.
बिहार में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में जो खींचतान शुरू हुई है उससे बीजेपी मुश्किल में है. सहयोगी दल जिस तरह सीटें मांग रही हैं उससे ऐसा लगता है कि 22 सांसदों वाली पार्टी के पास सिर्फ 5 सीटें बच जाएंगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की तरफ से लोकसभा की 40 में से 25 सीटों मांगे जाने के बाद अब राम विलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी यानी एलजेपी ने 7 सीटों पर दावा ठोंका है. राम विलास पासवान इस समय मोदी सरकार में मंत्री हैं.
बीजेपी की एक दूसरी सहयोगी राष्ट्रीय लोकसभा समता पार्टी (आरएलएसपी) ने अब तक अपना दावा पेश नहीं किया है, लेकिन उसके पास तीन सांसद हैं और अगर वो तीन सीटों का दावा पेश करती है तो बीजेपी के पास सिर्फ 5 सीटें बच जाएंगी. जेडीयू 25, एलजेपी 7 और आरएलएसपी 3 सीटें, यानि कुल 35 सीटें होती हैं. अब सिर्फ 5 सीटें बाकी रह जाती हैं.
एलजीपी प्रदेश अध्यक्ष और नीतीश सरकार में पशु पालन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि अब साल 2014 वाली स्थिति नहीं है. साल 2019 में बीजेपी अकेले कुछ नहीं कर सकती, उसे सबको साथ लेकर ही चलना होगा. पशुपति कुमार पारस ने कहा है, "लोकसभा में हम 40 में से 7 सीटों पर चुनाव लड़े थे और 6 पर जीते थे. हमारा सात सीटों पर दावा है. बिहार में नीतीश कुमार एनडीए के बड़े नेता हैं. नए समय और नई परिस्थिति में सीटों के तालमेल पर फिर से बात होनी चाहिए. दल और दिल मिल गया है तो बीजेपी को भी सोचना होगा.''