सीएम नीतीश ने सुरक्षा को लेकर तोड़ी चुप्पी, बोलें रौब दिखाने की मानसिकता है सुरक्षा की मांग
बीजेपी नेताओं ने जहां लालू यादव को अपने बेटे का इलाज मनोचिकित्सक से कराने की सलाह दे डाली तो वहीं दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन में तेजप्रताप के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज किया गया है।;
पटना: भले केंद्र सरकार ने बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा में कटौती की हैं लेकिन बवाल राज्य की राजनीति में हो रहा हैं। राजद अध्यक्ष लालू यादव ने तो यहां तक कह दिया कि अगर उनके ऊपर कोई हमला हुआ तो उसके लिए केंद्र और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ज़िम्मेवार होंगे। लेकिन इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी।
उन्होंने ट्वीट में लिखा कि राज्य सरकार द्वारा 'Z' Plus और एसएसजी की मिली हुई सुरक्षा के बावजूद केंद्र सरकार से NSG और CRPF के सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों की उपलब्धता के जरिए लोगों पर रौब गांठने की मानसिकता, साहसी व्यक्तित्व का परिचायक है!
राज्य सरकार द्वारा 'Z' Plus और SSG की मिली हुई सुरक्षा के बावजूद केंद्र सरकार से NSG और CRPF के सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों की उपलब्धता के जरिए लोगों पर रौब गांठने की मानसिकता, साहसी व्यक्तित्व का परिचायक है!
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 28, 2017
बता दें कि लालू यादव की सुरक्षा में कटौती किए जाने की बात पर सोमवार को उनके बड़े बेटे तेजप्रताप ने पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके बाद राजनीतिक महकमे में खूब बयानबाजी हुई। बीजेपी नेताओं ने जहां लालू यादव को अपने बेटे का इलाज मनोचिकित्सक से कराने की सलाह दे डाली तो वहीं दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन में तेजप्रताप के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज किया गया है।
हालांकि नीतीश कुमार को इस बात का मलाल भी हैं कि बिहार का मुख्यमंत्री होने के बावजूद ना तो यूपीए सरकार और ना ही वर्तमान मोदी सरकार ने उन्हें कभी ज़ेड प्लस सुरक्षा के लायक समझा जबकि सुरक्षा के आधार पर पप्पू यादव जैसे बाहुबली से लेके ऐसे विधायकों के सुरक्षा में केंद्रीय अर्ध सैनिक बल के जवान को लगाया जिन्हें किसी से भी ख़तरा दूर-दूर तक नहीं। हालांकि नीतीश के इस ट्वीट पर राजद की कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी हैं लेकिन तेजप्रताप यादव के इस मुद्दे पर आपत्तिजनक बयान के बाद पार्टी को डर हैं कि केंद्र जेड श्रेणी की सुरक्षा भी वापस ले सकती हैं।