बिहार में नए DGP द्विवेदी की नियुक्ति पर विवाद, सरकार ने दी ये सफाई
बिहार के नए डीजीपी केएस द्विवेदी की नियुक्ति पर उठे विवाद पर गुरुवार को राज्य सरकार ने सफाई दी है। सरकार का कहना है कि डीजीपी केएस द्विवेदी की नियुक्ति नियमों के तहत हुई है।;
पटना : बिहार के नए डीजीपी केएस द्विवेदी की नियुक्ति पर उठे विवाद पर गुरुवार को राज्य सरकार ने सफाई दी है। सरकार का कहना है कि डीजीपी केएस द्विवेदी की नियुक्ति नियमों के तहत हुई है।
सरकार की ओर से गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने दावा किया कि द्विवेदी की नियुक्ति किसी के दबाव में नहीं की गई। उन्होंने बताया भागलपुर दंगे के दौरान के एस द्विवेदी पर जो आरोप लगे थे उसे लेकर तीन जजों की एक कमिटी बनाई गई थी। आयोग के एक सदस्य ने अपने रिपोर्ट में के एस द्विवेदी के एसपी के रूप में किये गए कार्यो की सराहना की थी, जबकि दो सदस्यों ने इसके प्रतिकूल टिप्पणी की थीं।
लेकिन उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर 1996 को पटना हाईकोर्ट ने इन अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए द्विवेदी के खिलाफ दो सदस्यों के प्रतिकूल टिप्पणी को खंडित करते हुए आदेश दिया था कि उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाए।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया गया। इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है।
उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट के इस बाध्यकारी निर्णय के बाद द्विवेदी को साल 2000 से ही नियमित प्रमोशन दिया जा रहा है। लगातार मिल रहे नियमित प्रमोशन की वजह से वो 2005 में आईजी और 2011 में एडीजी बन गए। इस तरह वरीयता के आधार पर द्विवेदी की डीजीपी के रूप में नियुक्ति नियम के तहत हुई है।