बिहार की राजनीति में दो धुरी पर बैठे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आरक्षण के मुद्दे पर साथ खड़े दिख रहे हैं. लालू यादव ने नीतीश कुमार के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने निजी क्षेत्रों में आरक्षण की पैरवी की थी.
इसके साथ ही तंज भरे लहजे में उन्होंने सीएम नीतीश से कुछ सवाल भी पूछे. निजी क्षेत्र में आरक्षण वाले बयान पर लालू ने समर्थन करते हुए कहा कि हम भी इसके पक्ष में हैं. हालांकि इसके बाद उन्होंने सीएम नीतीश से पूछा कि बिहार में निजी क्षेत्र है कहां, जहां वो आरक्षण नीति लागू करेंगे.
साथ ही उन्होंने कहा, 'मैं शुरू से इसका पक्षधर रहा हूं, लेकिन यहां निजी क्षेत्र है ही नहीं. बीजेपी और नीतीश आरक्षण विरोधी है.' इससे पहले लोक संवाद कार्यक्रम के बाद चुनिंदा पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने बताया कि सिर्फ सरकारी पे-रोल पर रखे जाने वाले कर्मियों पर राज्य सरकार की आरक्षण नीति लागू होगी. उन्होंने कहा कि जो प्लेसमेंट एजेंसी या आउटसोर्सिंग कंपनी मानव संसाधन मुहैया कराती है वहां से सरकारी विभागों में नियुक्ति के लिए चयन में ही नई नीति लागू होगी.
मिडिया के सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि अगर राज्य सरकार किसी आईटी या कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ कोई करार करती है तो वो उस कंपनी के साथ करार होगा और वो काम करने के लिए स्वतंत्र होगी. उन्होंने बिहार सरकार के फैसले पर भ्रम फैलाने वालों की निंदा की.