मजदूरों का पलायन रोकने में फेल हुई नीतीश सरकार : समाजसेवी गोविन्द कुमार

Update: 2018-06-21 08:28 GMT
पिछले दो दिनों में बिहार के  पिछड़े इलाके कोसी में स्थित एक छोटे से स्टेशन सहरसा जंक्शन ने टिकट बिक्री से दो करोड़ का राजस्व कमाया है। यह इस अवधि में पटना, मुगलसराय, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर जैसे बड़े स्टेशनों से भी अधिक है। इसे पूरे जोन में सबसे अव्वल माना जा रहा है।



समाजसेवी गोविन्द कुमार सिंह का कहना है कि सहरसा में रेल टिकटों की रिकार्डतोड़ बिक्री इस वजह से हो रही है, क्योंकि इस पूरे इलाके के मजदूर धान रोपणी के लिए पंजाब और हरियाणा और दूसरे किस्म के मजदूरी की तलाश में दिल्ली जा रहे हैं। सहरसा रेलवे स्टेशन को यह मोटी आय बेरोजगार मजदूरों की उस भीड़ से हो रही है, जो पलायन के लिए मजबूर हैं। उनके लिए इस इलाके में कोई ढंग का काम नहीं है। उन्हें धान रोपणी के सीजन में भी इतनी मजदूरी नहीं मिल पाता है कि वे यहां रुक जायें। यह खुशी का मौका नहीं हमारी गरीबी और बदहाली का तमाशा है।




 पिछले साल भी बाढ़ के बाद सहरसा जंक्शन पर ऐसी ही भीड़ उमड़ी थी। मजदूर टिकट कटाकर स्टेशन में पांच-पांच दिन पड़े रहते और उन्हें ट्रेनों में जगह तक नहीं मिलती। इस साल भी वही हो रहा है। पलायन इस इलाके का ऐसा रोग है जिसका इलाज सरकारें ढूंढना भी नहीं चाहती।


समाजसेवी गोविन्द कुमार सिंह ने कहा कि मजदूरों का पलायन बिहार के लिए बहुत ही शर्म की बात है । मजदूर दिवस पर बड़े बड़े वादे और दावे करने वाले राजनेता आज चुप्पी क्यों साधे हुए है ? बिहार के राजनेता मज़दूरों के पलायन पर क्यों नही कुछ बोल रहे है ? सबसे अहम सवाल है बिहार के पढ़े लिखे युवाओं के नौकरी के लिए पलायन , छात्रों का पलायन , मज़दूरों का रोज़ी रोटी के लिए पलायन के लिए कौन जिम्मेदार है ??

किसकी गलती का नतीजा है ये पलायन हमारे नेता की ? बिहार के युवा की ? मज़दूर की ? व्यवसायी की ? 
बिहार में 28 साल कांग्रेस, 15 साल लालू जी की सरकार, लगभग 13 साल NDA की सरकार , फिर भी ये पलायन नाम की बीमारी बिहार से जाने का नाम नही ले रही है। ये कैसी बीमारी है। कुछ वर्ष पहले मनरेगा योजना के सहारे नीतीश कुमार अपनी ब्रांडिंग चमका चुके है कि बिहार से मज़दूरों का पलायन रुक गया है।

समाजसेवी गोविन्द कुमार सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कब तक बिहार के लोग रोजगार के लिए कोलकता , दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यो में भटकते रहेंगे , पलायन को रोकने में नीतीश कुमार असफल रहे है. दरअसल नीतीश जी ने पलायन को रोकने के लिए राज्य में कुछ ठोस कदम नही उठाया है।                 

समाजसेवी गोविन्द कुमार सिह ने कहा कि बिहार में 22 चीनी मिल बंद है , राज्य में जुट उधोग ठप पड़ा है और नीतीश कुमार की सरकार ने कोई ठोस कदम नही उठाया है। रोजगार के मुद्दे पर नीतीश सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। 

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