बिहार में लग सकता है बीजेपी को बड़ा झटका, ये नेता मिलकर बनायेंगे नया मोर्चा!

नीतीश कुमार बिहार में अकेले दम पर सरकार नहीं बना सकते है ये तो एकदम साफ है. उन्हें बीजेपी या राजद की बैसाखी के बिना रहने के लिए एक नई उम्मीद दिख रही है.;

Update: 2018-04-09 06:33 GMT

नीतीश कुमार बिहार में अकेले दम पर सरकार नहीं बना सकते है ये तो एकदम साफ है. उन्हें बीजेपी या राजद की बैसाखी के बिना रहने के लिए एक नई उम्मीद दिख रही है. इस उम्मीद में उनके साथ लोक जनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान, रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाहा आ सकते है. ये लोग एनडीए से नाराज भी दिख रहे है. दलित और पिछड़ों की नाराजगी के चलते भी ये नेता एनडीए से दूरी बनाने की फ़िराक में है. 


 बिहार की राजनीति धीरे धीरे दिलचस्प होती जा रही है. लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान मुसलमानों से बीजेपी की दूरी का ज़िक्र कर चुके हैं. बिहार में माहौल खराब होने पर नीतीश कह चुके हैं कि वो सांप्रदायिक ताकतों से समझौता नहीं करेंगे. इस बीच अंबेडकर दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में नीतीश, रामविलास पासवान और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा एक मंच पर दिख सकते हैं.


राम विलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा एनडीए सरकार में मंत्री हैं. ऐसे में ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या भविष्य में नीतीश बीजेपी का साथ छोड़ेंगे? लेकिन उनका अबकी बार का रास्ता कम से कम आरजेडी के साथ तो नहीं होने वाला है. लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद आरजेडी की कमान संभाल रहे उनके बेटे तेजस्वी यादव ने साफ कहा है कि किसी भी सूरत में नीतीश के लिए उनके बंद दरवाज़े नहीं खुलेंगे.


इस बात से एक बात बिलकुल आइना की तरह साफ़ है कि राजद का बिहार में नीतीश को सहयोग नहीं मिलेगा. लेकिन राजनीत में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. यहाँ सब कुछ जायज है. इस कड़ी में नीतीश के पास पासवान और कुशवाहा या पप्पू यादव सरीखे नेता ही बचते है जिनके साथ मिलकर कुछ किया जा सकता है. ऐसे में क्या नीतीश कुमार किसी तीसरे विकल्प की तलाश कर रहे हैं. नीतीश,पासवान और कुशवाहा के साथ मिल जाने से जो समीकरण बनते हैं उस हिसाब से गैर-यादव ओबीसी और महादलितों को मिलाकर 38 प्रतिशत का वोटबैंक बनता है. 


हालांकि रामविलास पासवान कई बार कह भी चुके है कि वो एनडीए छोड़ने नहीं जा रहे है. राजनीत में ऐसे बयानों की कोई कीमत नहीं होती है. 

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