सुप्रीम कोर्ट ने JDU के बागी नेता व राज्यसभा सदस्य शरद यादव के वेतन-भत्तों पर रोक लगाई

बता दें कि शीर्ष अदालत ने 18 मई को जदयू के राज्य सभा सांसद रामचन्द्र प्रसाद सिंह की याचिका पर शरद यादव को नोटिस जारी किया था।;

Update: 2018-06-07 07:23 GMT
Sharad Yadav (File Photo)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में संशोधन करते हुए जदयू के बागी नेता और राज्यसभा सदस्य शरद यादव के वेतन-भत्तों पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने हालांकि शरद यादव को उन्हें मिले सरकारी बंगले को अपने पास रखने की अनुमति दी है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने 18 मई को जदयू के राज्य सभा सांसद रामचन्द्र प्रसाद सिंह की याचिका पर शरद यादव को नोटिस जारी किया था।

राज्य सभा में जदयू के नेता सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले साल 15 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश में हाईकोर्ट ने राज्य सभा के सदस्य के रूप में शरद यादव की अयोग्यता पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था और उन्हें अपना वेतन, भत्ते लेने तथा यह याचिका लंबित होने तक सरकारी आवास में रहने की अनुमति प्रदान कर दी थी।

हाईकोर्ट ने शरद यादव द्वारा अपनी अयोग्यता को विभिन्न आधार पर चुनौती देने वाली याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया था। यादव का कहना था कि राज्य सभा के सभापति ने 4 दिसंबर को उनके और एक अन्य सासंद अली अनवर को अयोग्य घोषित करने का फैसला सुनाने से पहले अपना पक्ष रखने के लिए कोई अवसर प्रदान नहीं किया।
सिंह ने हाईकोर्ट में दोनों को अयोग्य करार देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि उन्होंने पार्टी के निर्देश का उल्लंघन करते हुए पटना में विपक्षी दलों की सभा में शिरकत की थी। जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पिछले साल जुलाई में राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़कर भाजपा से हाथ मिलाने पर शरद यादव विपक्ष के साथ मिल गए थे। 

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