नई दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट पेश करने के अगली सुबह ही केंद्र सरकार को पीपीएफ पर टैक्स लगाने के फैसले को वापस लेना पड़ा है। राजनीतिक विरोधियों के साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस मामले में केंद्र के इस फैसले को जबरदस्त विरोध हो रहा था।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने इस मुद्दे पर सरकार का रुख साफ करते हुए कहा कि लोक भविष्य निधि में योगदान पर कर छूट बरकरार रहेगी, निकासी पर कोई कर नहीं लगेगा। रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने बताया कि 15,000 हर महीने कमाने वाले कर्मचारियों को EPF निकालने पर टैक्स से बाहर रखा गया है।
गौरतलब है कि सोमवार को साल 2016 के बजट की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रावधान दिया कि 1 अप्रैल 2016 से ईपीएफ खाते से पैसा निकालने पर भी टैक्स लगेगा। जिसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। दूसरी तरफ मजदूर संगठन ने भी आम बजट से नाराजगी जताते हुए इसका विरोध किया है।
वहीं सीपीएम नेता एके पद्मनाभन का कहना है कि ये मजदूरों की सेविंग और उनके जीवन भर की कमाई में जमा होता है, ये सभी ट्रेड यूनियनों के खिलाफ है। हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे, सरकार को ये वापस लेना ही होगा।