नई दिल्ली : गुरूवार को राज्यसभा में बहुप्रतीक्षित रियल इस्टेट बिल पारित हो गया। इस बिल के पारित होने से भूमि और भवन की खरीद-फरोख्त के नियमों में बदलाव हो जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद बिल्डरों की मनमानी पर लगाम लगेगी। इसके अलावा बिल में रियल एस्टेट रेगुलेटर बनाने का प्रावधान है। जिससे प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद आसानी से सुलझ पाएंगे।
ये विधेयक 2013 से राज्यसभा में लंबित थ। विधेयक का लक्ष्य रियल एस्टेट उद्योग को नियमित करना और प्रमोटरों के घोटालों से संपत्ति खरीदारों के हितों की रक्षा करना है।
इस बिल से रिलय एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी। प्रोजेक्ट लॉन्च होते ही बिल्डर्स को प्रोजेक्ट से संबंधित पूरी जानकारी अपनी वेबसाइट पर देनी होगी। इसमें प्रोजेक्ट के अप्रूवल्स के बारे में भी बताना होगा। साथ ही प्राजेक्ट में रोजाना होने वाले अपडेट के बारे में भी सूचित करना होगा।
इस विधेयक की मुख्य बातें ?
1. बिल्डरों को तय समयसीमा में देना होगा फ्लैट
2. प्रॉपर्टी एजेंटों का रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी में पंजीकरण अनिवार्य
3. सभी राज्यों में होगा अथॉरिटी का गठन
4. खरीदारों की शिकायतों की सुनवाई जल्द सुनी जाएगी
5. हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के जल्द क्लीयरेंस के लिए होगी सिंगल विंडो सिस्टम
6. हाउसिंग ही नहीं व्यवसायिक प्रॉपर्टी पर भी नियम होंगे लागू
7. धोखेबाजी से मिलेगी निजात
8. हाउसिंग ही नहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी पर भी लागू होंगे नियम
9. आएगी सिस्टम में पारदर्शिता
10. प्लान में बदलाव से पहले 2/3 खरीदारों की मंजूरी जरूरी