बजट में जनता चाहे थाली, इकॉनमी बोले, मेरी झोली है खाली
पब्लिक चाहे, ये सब मिले इकनॉमिक सर्वे में सस्ती थाली का ‘थालीनॉमिक्स’ समझाया
पब्लिक चाहे, ये सब मिले इकनॉमिक सर्वे में सस्ती थाली का 'थालीनॉमिक्स' समझाया
इकनॉमिक सर्वे में अनोखे तरीके से थालीनॉमिक्स यानी भोजन का अर्थशास्त्र समझाने की कोशिश हुई। कहा गया, 13 साल में वेज थाली खरीदने की क्षमता 29% और नॉनवेज थाली लेेने की क्षमता 18% बढ़ी। 2015-16 के बाद महंगाई नहीं घटती तो 5 लोगों के परिवार को वेज थाली पर सालाना 11 हजार और नॉनवेज थाली पर 12 हजार ज्यादा देने होते।
देश में कोई नया काम-धंधा खोलने में कितनी मुश्किलें आती हैं, इसे भी एक उदाहरण से समझाया गया। कहा गया कि दिल्ली में रेस्तरां खोलना बंदूक का लाइसेंस लेने से भी ज्यादा मुश्किल है। राजधानी में रेस्तरां खोलने के लिए दिल्ली पुलिस से 45 क्लियरेंस लेनी पड़ती हैं, जबकि हथियार में 19 मंजूरियों की जरूरत होती है।
छोटे कारोबारियों और किसानों को राहत मिले
आर्थिक सुस्ती दूर हो, ताकि नौकरियां बढ़ें
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स खत्म हो
महंगाई पर काबू पाने की कोशिशें हों
सरकार आयकर की सीमा में ज्यादा छूट दे
एक तिहाई िकफायती हो गई वेज थाली
बंदूक से भी मुश्किल रेस्तरां लाइसेंस लेना
आज आम बजट पेश करने जा रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से देशवासियों को बड़ी उम्मीदें हैं। यह बजट ऐसे समय आ रहा है जब देश आर्थिक मोर्चे पर सुस्ती का सामना कर रहा है।
इकॉनमी की ग्रोथ कई दशक के निचले स्तर पर है। सरकारी खजाने की हालत भी अच्छी नहीं है। वित्त वर्ष खत्म हो रहा है, लेकिन सरकार की आमदनी यानी टैक्स कलेक्शन टारगेट से 2 लाख करोड़ रुपए कम है। राजनीतिक उथलपुथल का भी माहौल है। निश्चित रूप से इस बार का बजट सरकार के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हैं।
आम लोगों की उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स सीमा में ज्यादा छूट दे। 80सी के तहत मिलने वाली टैक्स छूट बढ़ाकर 2 लाख या 2.50 लाख रुपये तक की जाए। वहीं, उद्योग जगत का मानना है कि आर्थिक सुस्ती दूर करने के उपाय किए जाने जरूरी हैं। इसके लिए खर्च बढ़ाकर वित्तीय घाटे की सीमा बढ़ानी होगी। ऐसा होने पर ही बाजारों में रौनक लौट सकती है।
जानकार मानते हैं कि मार्केट में खरीदार आएं, तभी खपत बढ़ेगी और इकॉनमी का पहिया तेजी से घूमेगा। ऑटो और रियल एस्टेट सहित सेक्टर सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद लगाए हैं।