ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल: भारत में बढ़ा भ्रष्टाचार, बोलने वालों की दवा दी जाती है आवाज
भ्रष्टाचार पर बोलने बालों को बड़ा झटका जब रिपोर्ट में बताया गया बढ़ा भारत में भ्रष्टाचार;
नई दिल्ली (भाषा): अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की ताजा रपट की माने तो भ्रष्टाचार को लेकर भारत के सरकारी क्षेत्र की छवि दुनिया की निगाह में अब भी खराब है। वैसे 2015 की तुलना में स्थिति में सुधार के संकेत हैं।
संस्था की ताजा रपट ग्लोबल करप्शन इंडेक्स-2017 में देश को 81वें स्थान पर रखा गया है जबिक पिछले साल की रपट में भारत 79वें स्थान पर था। भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारों को एक सशक्त संदेश देने के उद्देश्य से 1995 में शुरू किए गए इस सूचकांक में 180 देशों की स्थित का आकलन किया गया है। यह सूचकांक विश्लषकों, कारोबारियों और विशेषज्ञों के आकलन और अनुभवों पर आधारित बताया जाता है।
इसमें पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं के लिए काम की आजादी जैसी कसौटियां भी अपनायी जाती हैं। सूचकांक तैयार करने के लिए देशों को विभिन्न कसौटियों पर 0 से 100 अंक के बीच अंक दिए जाते हैं। सबसे कम अंक सबसे अधिक भ्रष्टाचार व्याप्त होने का संकेत माना जाता है।
इस बार की सूची में भारत को 40 अंक दिए गए हैं, जो पिछले साल के ही बराबर ही है पर 2015 के बाद स्थिति में सुधार हुआ जबकि भारत को 38 अंक दिया गए थे।
ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल ने कहा है, 'पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कुछ देशों में पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेताओं और यहां तक कि कानून लागू करने वाली और नियामकीय एजेंसियों के अधिकारियों तक को धमकियां दी जाती हैं। कहीं कहीं स्थित ऐसी बुरी है कि उनकी हत्याएं तक कर दी जाती हैं। '
रपट में कमेटी टू प्रोटेक्स जर्नलिस्ट्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि इन देशों में छह साल में 15 ऐसे पत्रकारों की हत्या हो चुकी है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहे थे।
इस मामले में रपट में भारत की तुलना फिलीपीन और मालदीव जैसे देशों के साथ की गयी है और कहा गया है कि ' इस मामले में ये देश अपने क्षेत्र में बहुत ही खराब हैं। भ्रष्टाचार के मामले में इन देशों के अंक ऊंचे हैं और इनमें प्रेस की आजादी अपेक्षाकृत कम और यहां पत्रकारों की हत्याएं भी ज्यादा हुई हैं।
इस सूची में न्यूजीलैंड और डेनमार्क 89 और 88 अंक के साथ सबसे ऊपर हैं। दूसरी तरफ सीरिया, सूडान और सोमालिया क्रमश: 14, 12 और 9 अंक के सबसे नीचे हैं।
इस सूची में चीन 77वें और ब्राजील 96वें और रूस 135वें स्थान पर हैं।