RBI ने लगातार चौथी बार की रेपो रेट में कटौती, सस्‍ती होगी आपकी EMI

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से एक बार फिर रेपो रेट में कटौती की गई है. केंद्रीय बैंक के इस फैसले का फायदा आम लोगों को मिलने की उम्‍मीद है.

Update: 2019-08-07 07:55 GMT

नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों का ऐलान हो गया है. इस बैठक में आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वाइंट की कटौती का फैसला लिया गया है. इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गया है. इससे पहले रेपो रेट की दर 5.75 फीसदी थी.

बता दें कि रेपो रेट कम होने के बाद बैंकों पर होम और ऑटो लोन पर ब्‍याज दर कम करने का दबाव बढ़ेगा. आरबीआई की ओर से रिवर्स रेपो रेट में भी कटौती की गई है. रिवर्स रेपो रेट घटकर अब 5.15 फीसदी हो गया है. पहले यह दर 5.50 फीसदी थी. रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है.

2 सदस्‍य थे कटौती से असहमत

आरबीआई के 6 सदस्‍यीय मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) के 2 सदस्‍य चेतन घटे और पामी दुआ, 0.35 फीसदी की कटौती के पक्ष में नहीं थे. वह 0.25 फीसदी कटौती चाहते थे. हालांकि अन्‍य 4 सदस्‍य रविंद्र ढोलकिया, देवब्रत पात्रा, बिभु प्रसाद और गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस कटौती का समर्थन किया है.

जीडीपी अनुमान को घटाया

इस बीच, केद्रीय बैंक ने चालू वित्‍त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है. केंद्रीय बैंक की ओर से यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए 8 फीसदी के जीडीपी ग्रोथ की प्रयास में जुटी है. इसके पहले जून में भी रिजर्व बैंक ने ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी से घटाकर 7.0 फीसदी कर दिया था. रिजर्व बैंक के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में 5.8-6.6 फीसदी जबकि दूसरी छमाही में 7.3-7.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है. 


आरबीआई का ऐतिहासिक फैसला

आरबीआई की पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में रेपो रेट में क्रमश: 0.25 फीसदी की कटौती की चुकी है. यानी अगस्‍त में लगातार चौथी बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट घटाई है. वहीं रिजर्व बैंक के इतिहास में पहली बार है जब गवर्नर की नियुक्‍ति के बाद से लगातार चार बार रेपो रेट में कमी आई है. बता दें कि साल 2018 के दिसंबर महीने में उर्जित पटेल के इस्‍तीफे के बाद शक्तिकांत दास बतौर गवर्नर नियुक्‍त हुए थे. इसके बाद से अब तक 4 बार आरबीआई की मीटिंग हो चुकी है.

क्‍या होगा आप पर असर

आरबीआई के इस फैसले का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है. दरअसल, आरबीआई के रेपो रेट कटौती के बाद बैंकों पर ब्‍याज दर कम करने का दबाव बनेगा. बता दें कि आरबीआई के लगातार रेपो रेट घटाने के बाद भी बैंकों ने उम्‍मीद के मुताबिक ग्राहकों तक फायदा नहीं पहुंचाया है. यही वजह है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से रेपो दर में कटौती का लाभ कर्जदारों को देने को कहा था.

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