अप्रैल में शून्य रहा ऑटो सेक्टर, इतिहास में पहली बार किसी कम्पनी ने नहीं बेचा कोई वाहन

नए वित्त वर्ष की शुरुआत 2020-21 के साथ ही यह सेक्टर आमदनी के मामले में शून्य पर रहा।

Update: 2020-05-02 09:22 GMT

नयी दिल्ली : कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा प्रभाव ऑटो सेक्टर में देखा गया है। नए वित्त वर्ष की शुरुआत 2020-21 के साथ ही यह सेक्टर आमदनी के मामले में शून्य पर रहा। यानी की अप्रैल के महीने में कोई भी व्यापार नहीं हो पाया। कम्पनियों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते उत्पादन में भी काफी कमी आई है। साथ ही साथ बिक्री का जो हजारों करोड़ रुपए का अवसर था वो भी शून्य रहा। हालांकि, लॉकडाउन 3.0 में कुछ प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे।

कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच शुक्रवार को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को दो और हफ्तों के लिए बढ़ाने का ऐलान किया। लॉकडाउन 2.0 की समयसीमा 3 मई को समाप्त हो रही थी। जिस पर ध्यान देते हुए सरकार ने लॉकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया है, लेकिन थमी हुई अर्थव्यवस्था के पहिये को धक्का देने के लिए सरकार ने प्रतिबंधों में ढील दी है।

 नहीं बिका कोई भी वाहन

मारुति सुजुकी और हुंडई समेत देश की टॉप कार निर्माता कंपनियों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते अप्रैल में उनका कोई वाहन नहीं बिका। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी एक महीने के दौरान कंपनियां एक भी वाहन नहीं बेच पाईं। कोरोना वायरस महामारी पर रोकथाम के लिए देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसके कारण वाहन कंपनियों का उत्पादन और बिक्री नेटवर्क पूरी तरह से बंद रहा। इस दौरान कंपनियां केवल कुछ वाहनों का निर्यात ही कर पाईं हैं।

कारों का हुआ निर्यात

कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बताया कि घरेलू बाजार में पिछले माह उसने एक भी वाहन की बिक्री नहीं की। हालांकि, बंदरगाहों के खुलने के बाद कंपनी ने मूंदड़ा बंदरगाह से 632 कारों का निर्यात किया है। निर्यात के लिए सभी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन किया गया।

 हुंडई मोटर्स भी चेन्नई स्थित विनिर्माण संयंत्र में कामकाज बंद रहने तथा घरेलू बाजार बंद रहने के कारण अप्रैल में एक भी कार की बिक्री नहीं कर पाई। सिर्फ और सिर्फ कंपनी ने 1,341 वाहनों का निर्यात किया।

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि बंद के चलते अप्रैल माह में घरेलू बाजार में उसका कोई वाहन नहीं बिका। कंपनी के वाहन विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय नाकरा ने एक बयान में कहा कि हम अपने सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। विशेषकर अपने डीलरों और आपूर्तिकर्ता सहयोगियों के साथ, ताकि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद कामकाज को आसानी से दोबारा शुरू किया जा सके।

 अप्रैल माह में शून्य बिक्री के साथ पूरा ऑटो सेक्टर परेशान होता हुआ दिखाई दिया। यह पहली बार था जब किसी महीने कम्पनियां अपना कोई भी वाहन नहीं बेच पाईं। हाल ही में रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रिसर्च ने कहा था कि एक लंबे समय तक कोरोना वायरस संक्रमण के डर से उपभोक्ता ऑटो डीलरशिप से दूरी बना सकते हैं, यहां तक हो सकता है कि वे शॉपिंग मॉल और बाजार में भी न जाएं, जिसके चलते ऑटो बिक्री में गिरावट बनी रहने की आशंका है।

पूरी तरह से चालू हो ऑटो सेक्टर

वाहन उद्योग की संस्थाएं सियाम (SIAM), एक्मा (ACMA) और फाडा (FADA) ने सरकार से ऑटो सेक्टर को पूरी तरह से चालू करने की मांग की।  उल्लेखनीय है कि सियाम के अनुमान के अनुसार सार्वजनिक पाबंदी के चलते कारखाने बंद रहने के प्रत्येक दिन पर वाहन उद्योग के 2,300 करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन के चलते प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है। 

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