आपको पता है नोटों की तंगी क्यों? तो जान लो सरकार की असलियत!

डे ला रु ने करेंसी नोट छापने वाले कागज की सप्लाई रोकी;

Update: 2018-04-20 03:07 GMT
करेंसी कागज सप्लाई करने वाली स्विस कम्पनी डे ला रु और भारत सरकार के बीच भुगतान को लेकर जोरदार तनातनी चल रही है जिसके चलते डे ला रु ने कागज और स्याही की सप्लाई रोक दी है। अपनी पोस्ट में मैंने साफ तौर आशंका जताई कि शीघ्र ही नकदी की किल्लत सामने आने वाली है।
आज नतीजा देश के सामने है। एटीएम खाली पड़े है और बैंको ने अघोषित रूप से नकदी की निकासी पर पाबंदी लगा दी है। दरअसल जब डे ला रु का टेंडर स्वीकृत किया गया था, तब इससे एक हलफनामा लिया गया था। इस हलफनामे में डे ला रु ने इस बात का उल्लेख किया था कि वह पड़ोसी देश पाकिस्तान को कागज और स्याही की आपूर्ति नही करेगी। बावजूद इसके डे ला रु ने पाकिस्तान को भी वही कागज सप्लाई कर दिया, जो हिंदुस्तान को किया। नतीजतन नए नोट की छपाई के साथ ही पाकिस्तान में मुद्रित नकली नोट बाजार में आगये।
डे ला रु को पिछली सरकार ने इसी आधार पर ब्लेक लिस्टेड कर दिया था। नई सरकार ने इसका टेंडर क्यो स्वीकार किया, यह रहस्य है। खुफिया एजेंसी ने उस व्यक्ति को तो दबोच लिया है जिसको टेंडर पास कराने के लिए 15 फीसदी का कमीशन दिया था। लेकिन इस राशि का बंटवारा किन किन के बीच हुआ, यह भी रहस्य बना हुआ है। जब तक डे ला रु और सरकार के बीच समझौता नही हो जाता, तब तक नकदी की किल्लत रहने की संभावना है। केंद्रीय वित्त सचिव और राजस्थान कैडर के आईएएस सुभाष गर्ग खुद इस मामले को सुलझाने में लगे हुए है।

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