फिर घटेंगी GST की दरें, अब वॉशिंग मशीन, फ्रीज समेत सस्ते होंगे ये सामान
सूत्रों के मुताबिक महिलाओं पर रोजमर्रा के काम का बोझ कम करने और कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में तेजी लाने के लिए ये कदम उठाया जा सकता हैं.;
नई दिल्ली: जीएसटी की दरें एक बार फिर घट सकती हैं. अब सरकार वॉशिंग मशीन, फ्रिज और एसी जैसे व्हाइट गुड्स पर जीएसटी कम करने पर विचार कर रही हैं.
सूत्रों के मुताबिक महिलाओं पर रोजमर्रा के काम का बोझ कम करने और कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में तेजी लाने के लिए ये कदम उठाया जा सकता हैं. इसके साथ ही आने वाले दिनों में कई और बदलाव जीएसटी में किए जाने के संकेत हैं.
जीएसटी परिषद ने हाल ही में होटल में खाना सस्ता करने के साथ ही 175 से ज्यादा उत्पादों को 28 फीसदी टैक्स स्लैब से निकालकर 18 और 12 फीसदी के स्लैब में रखा है, लेकिन वॉशिंग मशीन समेत कई उत्पाद अभी भी 28 फीसदी की कैटेगरी में ही हैं.
मौजूदा समय में कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर मंदी के दौर में है. दरअसल, 28 फीसदी जीएसटी लगने की वजह से इनकी बिक्री में कमी आई है. इसे लेकर व्यापारियों की तरफ से काफी शिकायतें भी आ रही हैं.
सूत्रों की मानें तो सरकार के ऐसा करने के पीछे महिलाओं को खुश करने का मकसद है. दरअसल, रोजमर्रा की तमाम चीजें घरेलू महिलाओं के सबसे करीब होती हैं. इसके अलावा जीएसटी टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया जाना तय माना जा रहा है.
जीएसटी परिषद के सदस्य और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि जीएसटी के तहत आने वाले समय में सिर्फ दो टैक्स स्लैब रखे जाने पर विचार किया जा सकता है.
सीमेंट होगा सस्ता कारोबारियों के लिए कई अहम बदलाव करने के साथ ही जीएसटी परिषद सीमेंट और पेंट को भी 28 फीसदी से नीचे के टैक्स स्लैब में रखने पर विचार कर सकती है. फिलहाल इन दोनों उत्पादों को 28 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा गया है.
घर निर्माण और कई अहम निर्माण के कार्य में इनका इस्तेमाल होता है. ऐसे में परिषद इनका रेट कम करने पर भी विचार करेगी.
जीएसटी परिषद पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर विचार कर सकती है. ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी यह पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने की अपील कर चुके हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली भी रियल इस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कह चुके है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि रियल स्टेट को जल्द ही जीएसटी के तहत लाया जा सकता है. जिससे लोगों को बड़े स्तर पर फायदा मिलेगा.
ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जीएसटी की आने वाले दिनों में होने वाली बैठकों में इस पर फैसला लिया जाना तय है. इससे आम लोगों को घर खरीदने में काफी सहूलियत होगी और उन्हें कई चार्ज भरने से मुक्ति मिलेगी.
बता दे जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुल 211 वस्तुओं के जीएसटी स्लैब को बदला गया था. 178 वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है. 28 प्रतिशत वाले स्लैब में अब 228 वस्तुएं नहीं सिर्फ 50 वस्तुएं ही रह गई हैं.