बैंकों का कर्ज और सस्ता होने की संभावना फिलहाल कम: HDFC बैंक
बैंक के उप प्रबंध निदेशक परेश सुक्तांकर ने कहा कि जमा और कर्ज की दरें जितनी गिर सकती थी, करीब- करीब गिर चुकी है.
नई दिल्ली: एचडीएफसी बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि बैंकों का कर्ज और सस्ता होने की संभावना अभी फिलहाल कम हैं, क्योंकि बैंकों के पास सुलभ अतिरिक्त नकदी खत्म हो रही है.
बैंक के उप प्रबंध निदेशक परेश सुक्तांकर ने कहा कि जमा और कर्ज की दरें जितनी गिर सकती थी, करीब- करीब गिर चुकी है. इनमें और कमी की गुंजाइश फिलहाल नहीं दिखती.
उन्होंने कहा, ''रिजर्व बैंक की ओर से लगातार पेश की जा रही नीति की तरफ देखें. मुद्रास्फीति के मामले में जो हुआ है और तेल आदि को लेकर जो संभावनाएं दिख रही हैं उससे स्पष्ट है कि रिजर्व बैंक के लोग मानते हैं कि नीतिगत दृष्टि से ब्याज दर में और कटौती की एक तरह से कोई गुंजाइश नहीं बची है.''
उन्होंने कहा कि बैंकों के पास अतिरिक्त धन धीरे- धीरे खत्म हो चुका है. जमा दर में भी कमी की संभावित गुंजाइश कम हुई है. रिजर्व बैंक छह दिसंबर को द्वैमासिक मौद्रिक नीति जारी करेगा. इस समय रिजर्व बैंक की नीतिगत दर (रेपो दर) 6.00 प्रतिशत है.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर अक्टूबर में 3.58 प्रतिशत हो गई, जबकि सितंबर में यह 3.28 प्रतिशत थी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें भी प्रति बैरल 60 डॉलर से ऊपर चल रही हैं.
मुद्रास्फीति बढ़ने के खतरे को देखते हुए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक में नीतिगत दरों में कटौती की संभावना कम ही दिखती है.