नेहरु देश में डीजल का उपयोग नहीं करते तो डीजल इतना महंगा नहीं होता?

Update: 2018-08-28 03:33 GMT

डीजल का भाव अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है पेट्रोल के दाम में भी आग लगी हुई है सब जानते हैं कि डीजल के भाव का महंगाई से सीधा संबंध है. इस संदर्भ में कुछ दिन पहले आयी दो खबरों पर ध्यान जाता है तो एक बारगी फिर सोच में पड़ जाता हूँ कि मोदीं सरकार आखिर कर क्या रही है ?


आज फिर महंगे हुए पेट्रोल डीजल, दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 78.05 रुपये प्रतिलीटर और डीजल की कीमत 69.61 रुपये प्रतिलीटर हुई. कल डीजल 69.46 रुपये प्रतिलीटर और पेट्रोल 77.91 रुपए प्रतिलीटर था.


खबर के मुताबिक एक आरटीआई से पता चला है कि भारत 15 देशों को लगभग 34 रुपये लीटर के कीमत पर पैट्रोल बेच रहा है ओर 29 देशों को 37 रुपये लीटर में डीजल बेच रहा है इन देशों में ईराक, अमेरिका, इंग्लैंड, हांगकांग, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल है. इन देशों को पेट्रोल 32 से 34 रुपये प्रति लीटर और डीजल 34 से 36 रुपये प्रति लीटर की दर से निर्यात किया गया लेकिन इसी अवधि में भारत मे पेट्रोल की कीमत 69.97 रुपये से 75.55 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 59.70 से 67.38 रुपये प्रति लीटर रही. इस हिसाब से भारत अपने खुद के देशवासियों को यही पेट्रोल-डीजल दोगुने से भी अधिक दाम पर बेच रहा है.

पहले जब पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ते थे तब यही विपक्षी हमलावर होते थे लेकिन आज तो ये सत्ता में है फिर भी डीजल पेट्रोल की महंगाई रुक नहीं रही है. पहले इसके जिम्मेदार पूर्व पीएम मनमोहन सिंह थे तो अब बढती कीमतों के लिए जिम्मेदार कौन होगा.


दूसरी खबर यह है कि पाकिस्तान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने देशवासियों को पहला तोहफा देते हुए डीजल के दामों में 17 रुपए प्रति लीटर तक की कटौती करने का फैसला किया है. हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान बेहद गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है इसके बावजूद भी इमरान खान इतना बोल्ड कदम ले रहे हैं तो कैसे ले रहे हैं ?भारत में दाम कम करने की कोई  पहल नही हो रही है शायद मोदीं जी के सीने के साइज अब बहुत कम हो गया है,


हाँ हम यह भी कह सकते है इसके लिए पूर्व पीएम पीएम जवाहर लाल नेहरु भी जिम्मेदार हो सकते है अगर वो उस समय डीजल का प्रयोग इतना नहीं करते तो देश में आज तेल की महंगाई इतनी नहीं होती. 

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