नोटबंदी के बाद तेज हुई जीडीपी की रफ्तार, मार्च तिमाही में 7.7 पर्सेंट रही ग्रोथ

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से साबित होता है कि भारत विश्‍व की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था है।;

Update: 2018-05-31 15:11 GMT
नई दिल्ली : भारत की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च की तिमाही में 7.7 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6.1 प्रतिशत थी। साल की अन्य तीन तिमाहियों के मुकाबले जनवरी से मार्च क्वॉर्टर में यह सबसे अच्छा स्तर है। इससे पहले साल की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में जीडीपी की दर क्रमश: 5.6% , 6.3% और 7% थी। इस तरह फाइनैंशल इयर 2017-18 में देश की इकॉनमी की ग्रोथ रेट 6.7 पर्सेंट रही।
गुरुवार शाम को सरकार की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक फाइनैंशल इयर 2016-17 की जुलाई-सितंबर तिमाही के बाद यह सबसे अच्छी ग्रोथ रेट है। बता दें कि सरकार ने इस तिमाही के बाद ही देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के प्रचलन को खत्म करने का फैसला लिया था। तब से इकॉनमी की ग्रोथ कई पॉइंट्स गिर गई थी। आलोचकों का कहना था कि नोटबंदी और जीएसटी को सही ढंग से लागू न किए जाने के चलते इकॉनमी में यह गिरावट आई है।
हालांकि जनवरी से मार्च की तिमाही में इकॉनमी में शानदार नतीजे देखने को मिले हैं। रॉयटर्स के पोल में अर्थशास्त्रियों ने 7.3 पर्सेंट की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया था, जो उससे आगे ही रही। यह तिमाही नतीजे बताते हैं कि बीते 18 महीनों में नोटबंदी और जीएसटी के बाद से कुछ धीमी चल रही इकॉनमी की रफ्तार अब दोबारा लय में आती दिख रही है। 

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