गुप्त मुद्रा या क्रिप्टो करंसी के नाम से पूरी दुनिया में फेमस बिटकॉइन की कीमतें 10 हजार डॉलर प्रति यूनिट के पार पहुंच गई हैं। भारतीय रुपए में यह कीमत करीब 6,70,000 हजार रुपए ठहरती है। हाल में बिटकॉइन की कीमतों में एकाएक गिरावट की खबरें में भी सामने आईं थीं। हालांकि इसके बाद भी इसकी कीमतें अपने एतिहासिक लेवल पर पहुंच गई हैं।
इससे पहले बिटकॉइन की एक यूनिट की कीमत 28 नवंबर को 7,51,500 रुपए या 11 हजार डॉलर के पार पहुंच गई थीं। वहीं 30 अगस्त को यह 3,16,200 रुपए के लेवल पर थी। इस हिसाब से देखें तो 3 महीने में इसमें 140 पर्सेंट की तेजी आई है। बिटकॉइन का करीबी प्रतिद्वंद्वी ईथर भी ऑल टाइम हाई लेवल पर ट्रेड कर रहा है। 28 नवंबर को इसकी एक यूनिट की वैल्यू 30,272 रुपए थी।
बलूमबर्ग में छपे एक कॉलम की मानें तो यह कंरसी अब भी अपने लिए भविष्य की बेहतर जमीन नहीं तैयार कर पा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के द्वारा अब भी क्रिप्टो करंसी से दूरी बनाई जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक दरअसल अब भी इसे लेकर आशंकित हैं और उन्हें अपनी बदनामी का डर सता रहा है। दअरसल कोई भी करंसी लेने देन का काम करती है, लेकिन क्रिप्‍टोकरंसी में लेनदेन कम और ट्रेडिंग ही ज्यादा हो रही है। पूरे सिनारियो को देखते हुए यह सवाल अब भी बना हुआ है कि बिना दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के यह करंसी भविष्य में कितने दिनों तक खुद को बचा पाएगी। इसके भविषय को लेकर सवाल जारी है।