नीरव मोदी ने जमानत पाने के लिए सभी हथकंडे अपनाए, कुत्ते की देखभाल समेत दिए ऐसे तर्क

नीरव मोदी की जमानत अर्जी वेस्टमिनिस्टर कोर्ट ने खारिज कर दी, लेकिन उसने जेल से छूटने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी।

Update: 2019-03-30 11:49 GMT

लंदन : पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की जमानत अर्जी वेस्टमिनिस्टर कोर्ट ने खारिज कर दी, लेकिन उसने जेल से छूटने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी। नीरव ने कोर्ट से इसलिए जमानत देने की अपील की थी कि उसे अपने पालतू कुत्ते की देखभाल करनी है। नीरव के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनके मुअक्किल के ब्रिटेन से गहरे ताल्लुकात हैं, वह यहां खुलेआम रह रहा है और उसने कभी भी भागने या छिपने की कोशिश नहीं की। नीरव को अब 26 अप्रैल तक जेल में रहना होगा। इसी दिन उसके केस की अगली सुनवाई तय की गई है।

चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा एबर्थनॉट ने शुक्रवार को नीरव की बेल अर्जी इस आधार पर खारिज कर दी थी कि उसके देश छोड़कर भाग जाने का खतरा है और उसकी ब्रिटेन से किसी तरह की सामाजिक संधि नहीं है।

नीरव को जमानत दिलवाने के लिए उसकी वकील क्लेर मोन्टगोमेरी ने कई तर्क दिए। उसने कहा कि नीरव का बेटा स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूनिवर्सिटी में चला गया है। इसलिए बुजुर्ग माता-पिता के लिए नीरव को कुत्ता रखना पड़ा। ऐसा कोई कदम नहीं जिससे यह प्रतीत होता हो कि कोई देश छोड़कर भागना चाहता है। लंबे समय से ब्रिटेन के लोगों की पहचान रही है कि वो जानवरों से बेहद प्यार करते हैं।

हालांकि, मोंटगोमरी ने दलील दी- नीरव के भागने की बातें बकवास हैं। उसके पास कहीं जाने के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। उसने कभी भी बाहर यात्रा नहीं की और ना ही कहीं दूसरी जगह की नागरिकता के लिए आवेदन किया। उसे केवल इस देश में रहने के लिए जमानत दी जानी चाहिए।

भारत की ओर से बहस में शामिल क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के वकील ने कहा कि नीरव के ब्रिटेन छोड़कर भाग जाने का खतरा है। इस बात का भी जोखिम है कि वह सबूतों को नष्ट कर दे और गवाहों को प्रभावित करे।

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