नुस्ली वाडिया ने मानी कोर्ट की सलाह, रतन टाटा के खिलाफ वापस लिया केस

सायरस मिस्त्री मामला खुलने के बाद टाटा के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के पद से हटाए जाने के बाद वाडिया ने आपराधिक Contempt of Court का मामला दर्ज कराया था.

Update: 2020-01-13 11:41 GMT

प्रधान जस्टिस एस.ए. बोबडे की सलाह पर नुस्ली वाडिया ने रतन टाटा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दर्ज मानहानि का मामला (Contempt of Court) सोमवार को वापस ले लिया. प्रधान जस्टिस बोबडे ने वाडिया समूह के चेयरमैन के इस कदम की प्रशंसा की.

जस्टिस बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "हम इसकी प्रशंसा करते हैं." पीठ में दो अन्य सदस्य जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस सूर्यकांत थे.

टाटा के वकील ने भी मुख्य अदालत में बयान दिया कि वाडिया का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था. मुख्य अदालत ने पिछले सप्ताह पाया था कि उसे इन आरोपों और इस मामले के कारणों की जानकारी नहीं है. बोबडे ने कहा, "आप दोनों को बात करनी चाहिए." कोर्ट ने जोर देकर कहा था कि यह सलाह एक विचार है, क्योंकि इस मामले में कोई कानून नहीं है.

सायरस मिस्त्री मामला खुलने के बाद टाटा के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के पद से हटाए जाने के बाद वाडिया ने आपराधिक Contempt of Court का मामला दर्ज कराया था.

टाटा ने लगातार यही बात कही थी कि उनका अपमान करने का कोई उद्देश्य नहीं था. वरिष्ठ वकील सी.ए. सुंदरम ने कोर्ट को बताया कि अगर दूसरा पक्ष उन पर लगाए आरोप वापस ले तो उनका मुवक्किल मामला वापस लेना चाहता है.

प्रधान जस्टिस ने वाडिया और टाटा के बीच शांति की वकालत करने की कोशिश की और सलाह दी कि कोर्ट बंबई हाईकोर्ट के निष्कर्ष को मान सकता है कि टाटा का वाडिया का अपमान करने का कोई उद्देश्य नहीं था.

प्रधान जस्टिस ने वाडिया के वकील से पूछताछ की थी. कोर्ट ने वाडिया के वकील से पूछा, "दूसरे पक्ष को आपके संबंध में कोई शिकायत है, और वे कानून के अनुसार कार्रवाई कर सकते हैं. यह मानहानि कैसे हो सकती है."

Tags:    

Similar News