बड़ी खबर : RBI ने कैंसिल किया इस बैंक का लाइसेंस, जानिए ग्राहकों पर क्या होगा असर

रिजर्व बैंक के निशाने पर इस समय देश के वे सभी बैंक हैं जहां संचालन ठीक से नहीं हो रहा है या फिर नहीं किया जा रहा है.

Update: 2021-07-29 14:06 GMT

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गोवा स्थित Madgaum अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के लाइसेंस को कैंसिल कर दिया है. आज के बाद यह को-ऑपरेटिव बैंक किसी भी तरह का बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है. RBI ने गोवा रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसायटी से कहा है कि वह इस संबंध में जल्द से जल्द ऑर्डर जारी करे और एक लिक्विडेटर को नियुक्त करे.

रिजर्व बैंक के निशाने पर इस समय देश के वे सभी बैंक हैं जहां संचालन ठीक से नहीं हो रहा है या फिर नहीं किया जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने करीब एक दर्जन कमजोर को-ऑपरेटिव बैंकों का लाइसेंस रद्द किया है. उनके खिलाफ कड़े एक्शन लिए गए हैं. RBI की तरफ से लिक्विडेशन का आदेश जारी होने के बाद डिपॉजिटर्स को DICGC Act, 1961 यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी को-ऑपरेशन के तहत इंश्योरेंस का लाभ मिलता है.

99 फीसदी जमाकर्ताओं को एक भी रुपए का नहीं होगा नुकसान

बैंक की तरफ से जो डेटा जमा किया गया है उसके मुताबिक Madgaum Urban Cooperative Bank के 99 फीसदी जमाकर्ताओं को एक भी रुपए का नुकसान नहीं होगा. उन्हें जमा राशि का पूरा-पूरा इंश्योरेंस के तहत मिल जाएगा. लाइसेंस कैंसिलेशन को लेकर RBI की तरफ से कहा गया कि बैंक के पास ऑपरेशन के लिए पर्याप्त कैपिटल नहीं था. इसके अलावा कमाई को लेकर भी भविष्य धुंधला दिख रहा है. इसके अलावा बैंक RBI के कई नियमों के मुताबिक खड़ा नहीं उतरता है.

बुधवार को ही कैबिनेट ने लिया था बड़ा फैसला

बुधवार को ही मोदी कैबिनेट ने डिपॉजिटर इंश्योरेंस को लेकर बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट की बैठक में डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानी DICGC एक्ट 1961 में संशोधन को को मंजूरी दे दी है. इसके तहत किसी बैंक के डूबने या बंद होने पर डिपॉजिटर्स को 90 दिन के भीतर पैसा मिल जाएगा. यह अधिकतम राशि 5 लाख होगी जो पहले केवल 1 लाख रुपए थी.

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