RBI का बड़ा फैसला, अब भारत में नहीं खुलेगा इस्लामिक बैंक

रिजर्व बैंक ने कहा है कि सभी लोगों के सामने बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं के समान अवसर पर विचार किये जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है.

Update: 2017-11-13 10:01 GMT

नई दिल्ली: भारत में इस्लामिक बैंक नहीं खुलेगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में इस्लामिक बैंक खोलने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है. आरबीआई ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है.

रिजर्व बैंक ने कहा है कि सभी लोगों के सामने बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं के समान अवसर पर विचार किये जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है. 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अप्रैल में यूएई दौरे के दौरान भारत के एक्सिम बैंक ने आईडीबी के साथ एमओयू साइन किया था. जिसके बाद से कहा जा रहा था कि जेद्दा (सऊदी अरब) का इस्लामिक डिवेलपमेंट बैंक (आईडीबी) भारत में गुजरात में अपनी पहली भारतीय ब्रांच खोलेगा.

हालांकि अब आरबीआई ने ऐसा करने से मना कर दिया है. खबरें आई थी कि इसके लिए 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का करार हुआ है. आरबीआई ने बताया कि रिजर्व बैंक और भारत सरकार ने देश में इस्लामिक बैंकिंग की शुरुआत का परीक्षण किया है.

सबके लिए बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं के समान अवसर उपलब्ध कराने पर विचार किये जाने के बाद निर्णय लिया गया है कि देश में इस्लामिक बैंकिंग शुरू करने के प्रस्ताव पर आगे कोई कदम नहीं उठाया जाएगा.

इस्लामिक या शरिया बैंकिंग ऐसी वित्तीय व्यवस्था को कहते हैं जिसमें ब्याज का प्रावधान नहीं होता है. इस्लामिक नियमों के तहत ब्याज का निषेध किया गया है.

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की अध्यक्षता में एक कमिटी ने 2008 में देश में ब्याज-रहित बैंकिंग के मुद्दे पर गहराई से विचार करने की जरूरत पर जोर दिया था. इस पर सरकार ने आरबीआई से इस्लामिक बैंकिंग पर जानकारी मांगी थी.

इसके बाद केंद्र सरकार ने इंटर-डिपार्टमेंटल ग्रुप (आईडीजी) गठित किया. आईडीजी ने देश में ब्याज मुक्त बैंकिंग प्रणाली शुरू करने के कानूनी, तकनीकी और रेग्युलेटरी पहलुओं की जांच कर सरकार को रिपोर्ट दी.

आरबीआई ने पिछले साल फरवरी में आईडीजी रिपोर्ट की एक कॉपी वित्त मंत्रालय को भेजी और धीरे-धीरे शरिया बैंकिंग सिस्टम शुरू करने के लिए बैंकों में ही एक इस्लामिक विंडो खोलने का सुझाव दिया था.

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