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Update: 2017-11-22 13:36 GMT
जापान में बेरोज़गारी बढ़ने की दर रिकार्ड स्तर पर कम है। तीन प्रतिशत से भी कम है और काम करने योग्य आबादी का अस्सी फीसदी हिस्सा काम कर रहा है। यूरोप और अमरीका में यह 70 फीसदी है। मतलब 100 लोगों रोज़गार की तलाश में हैं तो जापान में 80 को काम मिल रहा है, अमरीका और यूरोप में 70 लोगों को। जबकि जापान ने 2000 से आज तक मात्र 15 फीसदी प्रगति की है और अमरीका ने 35 फीसदी की। जापान का सालाना विकास दर 1 प्रतिशत के आस पास ही रहता है। जापान में आज ज़्यादातर चीज़ें 15 से 20 साल की तुलना में सस्ती हैं। जापान में काम करने वालों की उम्र की आबादी के बढ़ने की रफ़्तार धीमी हुई है। जापान और यूरोप में जीडीपी का 3 प्रतिशत सरप्लस है। भारत में इतना ही या इससे अधिक घाटे की बात होती है। बिजनेस स्टैंडर्ड में ऐसा पढ़ा है। डेनियल ग्रोस का लेख हैं जो सेंटर फॉर यूरोपीयन पॉलिसी स्टडीज़ के निदेशक हैं।

आज के इकोनोमिक्स टाइम्स में स्वामिथन एस अय्यर ने लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी का मेक इन इंडिया संकट से गुज़र रहा है। लक्ष्य था कि 2022 तक जीडीपी मे मैन्यूफैक्चरिंग की भागीदारी को 16 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी करना है और 10 करोड़ लोगों को रोज़गार देना है। तीन साल हो गए मगर औद्योगिक विकास कम हुआ है, निवेश घटा है, संगठित रोज़गार का हाल बहुत बुरा है। निर्यात थम गया है। 

बिजनेस स्टैंडर्ड- 20 नवंबर को जीएसटी रिटर्न भरने की आख़िरी तारीख थी। पंजीकृत व्यापारियों का 56 प्रतिशत ने ही रिटर्न फाइल किया है। सरकार प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है, इस वजह से रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या भी बढ़ रही है मगर यह अभी भी 56 प्रतिशत तक ही पहुंचा है। 44 फीसदी व्यापारियों ने अक्तूबर का रिर्टर नहीं भरा है। एक कारण बताया जा रहा है कि 44 फीसदी का रिटर्न ज़ीरो रहा होगा इसलिए वे फाइल नहीं कर रहे हैं। मुमकिन है बाद में भरेंगे।

यह दलील कुछ जम नहीं रही है। जीएसटी रिटर्न नील यानी ज़ीरो रहा होगा। पर क्या ज़ीरो रिटर्न होने भी फार्म का भरना ज़रूरी नहीं है? सितंबर माह में 39 लाख रिटर्न भरे गए। अगस्त में 30 लाख से भी कम। एक कारण यह बताया जा रहा है।

जीएसटी की दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं दिया जा रहा था। सरकार ने थोड़ी सख़्ती की है। डाबर ने कई उत्पादों के दाम में 9 फीसदी की कटौती की है। दूसरी एमएमसीजी कंपनियों ने भी ऐसा एलान किया है।

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