देश में सबसे जरूरी इस बात पर बोलने की है, लेकिन सब खामोश क्यों?

देश की इस समस्या पर सभी नेताओं को क्या लकवा मार गया है.;

Update: 2018-04-04 06:09 GMT
दंगो ओर भारत बंद की हिंसा की खबरों से यदि आपका मन उकता गया हो तो जान लीजिए कि डीजल और पेट्रोल के दाम नए शिखर की ओर पुहंच चुके हैं. इस पर हम देशवासी कब जागेंगे कब सरकार से सवाल जबाब करेगें. एक्ट में संसोधन होगा तो सिर्फ कुछ फायदा होगा लेकिन डीजल पेट्रोल सस्ता हुआ तो पूरा देश बदल जाएगा. 
दिल्ली में डीजल 64.82 रुपए लीटर के करीब है ओर पेट्रोल मंगलवार को 73.95 रुपये पर पहुंच गया. यह तो दिल्ली की बात है महाराष्ट्र के कई इलाकों में पेट्रोल 83 रु के ऊपर हो गया है. अब तक सबसे उच्चतम रेट पर यह वस्तु पहुंच चुकी है. कभी पूरी बीजेपी सडकों पर उतर कर हंगामा मचाती थी लेकिन आज चुप्पी साधे हुए है आखिर क्यों? कौन देगा जबाब? 



अगर हम सिर्फ रोजाना समीक्षा के निर्णय की बात करे जो 16 जून को लिया गया था ओर उसके बाद से बाद से कीमतों में बढ़ोत्तरी देखें, तो डीजल में 10 रुपए से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है और पेट्रोल 8 रुपये से अधिक महंगा हो गया है. 16 जून 2017 को डीजल की कीमत 54.49 रुपए थी, जबकि पेट्रोल की कीमत 65.48 रुपए थी. 



 लेकिन यकीन मानिए इस बात पर कोई भारत बंद का आयोजन नही होगा , हम सब ने इसे स्वीकार कर लिया है जबकि सरकार ने इसे कमाई बढ़ाने का स्त्रोत समझ लिया है .



 2014-15 में 99 हजार करोड़ के मुकाबले 2016-17 में 242,000 करोड़ रुपए वसूली हुई हैं अभी क्रूड ऑयल के दाम 12 प्रतिशत ओर बढ़ने की बात की जा रही है इसलिए अब इन दामो में कोई कमी नही की जाएगी किसी को याद नही आ रहा कि पेट्रोल डीजल को जीएसटी के अंदर लाने की बात भी कही गयी थीं. 

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