जहाँ मुकेश अंबानी ऊंचाईयां हासिल करें, तो वहीँ अनिल अंबानी दीवालिया होने की कगार पर, दया कुछ तो गडबड है ....?
आखिरकार दीवालिया होने की कगार पर खड़ी कम्पनी ऐसा ऑफर ग्राहकों को कैसे दे सकती हैं यह समझ के बाहर की बात है ?;
आर्थिक जगत में लगातार कुछ ऐसा घटता है जो ध्यान खींचता रहता है हम सभी जानते है कि जहाँ मुकेश अम्बानी नयी उचाईयों को छू रहे है वही अनिल अंबानी दीवालिया होने की कगार पर आ गए है।
ओर ऐसे समय मे अनिल अंबानी का रिलायंस बिग टीवी डीटीएच केबल टीवी जगत में एक नयी क्रांति लाने की घोषणा करता है तो कान खड़े हो जाते हैं रिलायंस बिग टीवी मुफ्त में एक एचडी एचईवीसी HD HEVC सेट टॉप बॉक्स दे रहा है और रिलायंस बिग टीवी 5 साल तक जीरो इफेक्टिव लागत में 500 चैनल उपलब्ध करा रहा है।
यह सुविधा 1 वर्ष तक एचडी चैनलों के लिए भी होगी हालाकि जीरो इफेक्टिव लागत पर रिलायंस बिग टीवी सेट-टॉप-बॉक्स लेने के लिए आपको कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से 499 रुपये की बुकिंग राशि का भुगतान करना होगा। साथ ही, 1,500 रुपये का भुगतान डीटीएच के इंस्टॉलेशन तथा सेवाएं शुरू होने पर भी करना होगा।
हालांकि यह 2000 रुपये की कुल राशि 3 साल बाद रीचार्ज के रूप में रिफंडेबल है लेकिन फिर भी यह आम उपभोक्ता के लिए बहुत आकर्षक ऑफर है।
आखिरकार दीवालिया होने की कगार पर खड़ी कम्पनी ऐसा ऑफर ग्राहकों को कैसे दे सकती हैं यह समझ के बाहर की बात है ? क्या यह ऑफर वास्तव में अनिल अंबानी की रिलायंस बिग टीवी वाली कम्पनी दे रही है या कुछ और बात है !
कुछ समय पहले ही खबर आयी थीं कि अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस ने घोषणा की है कि उसने अपने 'गैर-प्रमुख डीटीएच कारोबार' के इक्विटी शेयरों की बिक्री के लिए वीकॉन मीडिया ऐंड टेलीविजन लिमिटेड (वीएमटीएल) के साथ समझौता किया है। इस सौदे के तहत आरकॉम की सहायक इकाई- रिलायंस बिग टीवी लिमिटेड- के 500 कर्मचारी और करीब 12 लाख ग्राहकों को वीएमटीएल हासिल करेगी।
तो क्या यह समझौता करने के बाद का ऑफर है ? शायद ऐसा ही है लेकिन ये नयी कम्पनी कौन है ? कंपनी रजिस्ट्रार के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार वीएमटीएल महज पांच महीने पहले खुद का गठन करते हुए यह नाम लिया है। वीकॉन आईपीए गैसटेकनिक लिमिटेड (वीआईजीएल) ने अपने नाम और कारोबारी उद्देश्यों में बदलाव किया है ताकि उसमें उत्पादन, वितरण और टेलीविजन सामग्रियों की बिक्री को शामिल किया जा सके।
वीआईजीएल मूल रूप से नई दिल्ली की कंपनी है जो नाइट्रोजन और ऑक्सीजन जैसी औद्योगिक गैसों के उत्पादन कारोबार में शामिल रही है। कंपनी रजिस्ट्रार के दस्तावेजों से पता चलता है कि कंपनी का प्रदर्शन काफी समय से कमजोर हो रहा था। साल 2016-17 के दौरान उसका परिचालन राजस्व 86 फीसदी घटकर 11.41 लाख रुपये रह गया जो एक साल पहले 82.09 लाख रुपये रहा था। इससे पहले के दो वर्षों में कंपनी के परिचालन राजस्व में क्रमश: 43 फीसदी और 52 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी मार्च 2017 में समाप्त वर्ष के दौरान कंपनी का शुद्ध घाटा बढ़कर 20.14 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले 9.70 लाख रुपये रहा था।
अब आप खुद सोचिए कि ऐसी कम्पनी को अनिल अंबानी अपने 12 लाख ग्राहकों वाली कम्पनी बेच देते हैं जिसके ग्राहक औसतन 500 रुपये महीना तो इस डीटीएच सुविधा का देते होंगे यानी हर महीने 600 करोड़ कमाने वाली कम्पनी अपने आपको एक ऐसी कंपनी को बेच रही हैं जिसका 5 महीने पहले तक कोई नामलेवा भी नही था और जिसके पास अधिकृत तौर पर 5 लाख रुपये की शेयर पूंजी है और उसकी पेड-अप इक्विटी पूंजी करीब 1,78,500 रुपये है, कमाल है, ओर आते ही वह इतना बड़ा ऑफर भी दे देती है..........
दया , कुछ तो गड़बड़ है..............
लेखक गिरीश मालवीय की कलम से