क्यो झेले महंगाई की मार, बस करो मोदी सरकार

Update: 2020-10-09 05:00 GMT

जैसे ही सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में जमाखोरी की छूट दी है. उसके पंद्रह दिनों के ही भीतर देश भर में तुअर दाल का का रेट 80 रुपये से बढ़कर 120 रुपये प्रतिकिलो के आसपास तक पहुंच गया है. पिछले चार सालो में दालों की कीमत में इतना बड़ा उछाल नही आया था. जितना इस एक पखवाड़े में आ गया है.

आलू प्याज भी कई जगहों पर 50 से 60 रु किलो बिक रहा है टमाटर का रंग भी महंगाई के कारण ओर सुर्ख हो गया है हर प्रकार की सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है

लोकसभा ने 15 सितम्बर 2020 को आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी उसे राज्यसभा से भी पास कर कानून बना दिया गया सरकार ने पुराने कानून में संशोधन कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्‍याज और आलू को धारा 3 (1) के दायरे से बाहर कर दिया गया.

नतीजा आपके सामने है.

इस कानून के लागू होने के पहले आवश्यक वस्तुओं का तय मात्रा से अधिक भंडारण और ज्यादा मुनाफाखोरी करने पर प्रतिबन्ध था। ऐसा करने वालो पर कार्यवाही के कड़े कानूनी प्रावधान थे। सरकार ने इन कानूनों को खत्म कर दिया अब निजी खरीददारों द्वारा इन वस्तुओं के भंडारण या जमा करने पर सरकार का नियंत्रण नहीं है.

जैसे ही लॉक डाउन लगा था आवाजाही मुश्किल हो गयी उस दौरान किराना सामान ओर सब्जियों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे थे लेकिन अब लॉक डाउन पूरी तरह से खुल गया है तो कायदे से दाम कम होने चाहिए थे तो भी दाम बढ़ रहे हैं पिछले दिनों महंगाई दर के आंकड़े जारी हुए थे, महंगाई दर 6 फीसदी को पार कर गई है.

लॉक डाउन का लोगो की आर्थिक सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है एक सर्वे के मुताबिक, 73% लोगों को पहले से कम पैसे मिल रहे हैं, जबकि उनका खर्च पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ गया है ऐसे में घर घर मे इस्तेमाल होने वाली आवश्यक वस्तुओं में बढ़ रही महंगाई लोगो को खून के आँसू रुला रही है.

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