क्या इसलिए लगा पटाखों पर बैन?

Update: 2017-10-19 04:49 GMT

इस प्रकार से पूजाअर्चना करना तो संविधान की धर्मनिरपेक्ष छवि पर प्रहार हुआ । किसी प्रदेश का मुखिया, वहां संवैधानिक पद पर नियुक्त प्रतिनिधि यदि इसी प्रकार से स्वरूपों की पूजा अर्चना करेंगे तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपकी छवि को कितनी चोट पहुंचेगी इसका आपको लेशमात्र भी गुमान नही हैं।


एक तरफ अदालत आपकी गलत आदतों रीतिरिवाजों पर रोक लगाने को मजबूर हुआ इसकी वजह भी आपकी संवेदनहीनता ही थी जो अदालत को संवेदनशील होना पड़ा। देश में जहां लाखो रोहियांग शरणार्थी बन कर रह रहे हो वहाँ आप वायु प्रदुषण कैसे कर सकते हैं। दीपावली के नाम पर पटाखो में अरबो रुपया आप फूंक देते हैं लेकिन उन रोहियांगो को आप एक रुपया भी सहायतार्थ आज तक नही दिये हैं।


अभी तो पटाखो पर ही प्रतिबंध लगाया गया हैं। आप लोगो ने अपने व्यवहार में परिवर्तन नही किया तो अगले वर्ष दीपावली के नाम पर जिस तरह से आप लोग अपने घरों में रंग रोगन करने के बाद पानी की बर्बादी करते हैं उस पर भी सिंघवी को मजबूरन अदालत की शरण लेनी होगी। अगले वर्ष एक नये प्रतिबंध की संभावना के साथ आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!

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