बीजेपी करे ये काम तो ठीक. केजरीवाल करें तो गुनाह यह कैसा न्याय है?
दिल्ली में पूर्ण राज्य और कामकाज को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रही रस्साकस्सी.
18 अगस्त 2003 को गृह मंत्री रहते हुए लाल कृष्ण आडवानी ने संसद में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा देने का प्रस्ताव रखा था. वो प्रस्ताव संसद की संसदीय कमेटी को दिया गया, जिसके चेयरमैन कांग्रेस पार्टी के नेता प्रणव मुखर्जी थे, और उन्होंने भी माना था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा मिलना चाहिए. जब सब पार्टियाँ इसका समर्थन करती है तो दिल्ली को अब तक पूर्ण राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला. लेकिन गौरतलब बात यह भी कि केजरीवाल ने इसका समर्थन देकर क्या गुनाह किया.
इसके बाद भी भाजपा खेमे से भाजपा नेताओ जैसे मदन लाल खुराना, साहेब सिंह वर्मा, विजय मल्होत्रा और डाक्टर हर्षवर्धन द्वारा समय-समय पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा देने की वकालत की जाती रही है! विजय गोयल भी जब दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष थे तो उन्होंने भी यही सब कहा था