दिल्ली विधानसभा: कांग्रेस के 70 प्रत्याशियों में से सिर्फ ये तीन उम्मीदवार रहे सेफ जोन में

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार की और भाजपा एवं आम आदमी पार्टी पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया।

Update: 2020-02-11 13:03 GMT

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को एक बार फिर से करारा झटका लगा। पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। इसके अलावा 70 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। मालूम हो कि कांग्रेस दिल्ली में लगातार 15 साल सरकार चला चुकी है। जिन तीन सीटों पर कांग्रेस जमानत बचाने में कामयाब हुई है, वो सीट गांधी नगर, बादली और कस्तूरबा नगर है। वहीं, चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा भी अपनी जमानत को नहीं बचा सकीं। अलका आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई हैं। 

बता दें, 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने खराब प्रदर्शन किया था. चुनाव नतीजों में कांग्रेस शून्य पर सिमट गई थी. उस वक्त आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी के खाते में मात्र तीन सीटें ही मिली थीं.इस बीच पार्टी के भीतर की अंदरूनी कलह भी सामने आने लगी है. पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक ट्वीट जारी करते हुए दिल्ली में पार्टी की हार पर जमकर सवाल खड़े किए हैं शर्मिष्ठा ने इसके लिए पार्टी आला कमान को भी जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ राज्य स्तर पर एकता की कमी को भी उन्होंने हार की वजह बताया है।

वरिष्ठ कांग्रेस लीडर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा, "हमने दिल्ली में एक बार फिर नाश कर दिया है. आत्मनिरीक्षण बहुत हो चुका अब एक्शन का वक्त है. टॉप लेवल पर निर्णय लेने में हुई देरी और रणनीति की कमी और राज्य स्तर पर एकता की कमी, निरुत्साही कार्यकर्ताओं के साथ ही जमीनी आधार पर कनेक्टिविटी न होना सभी फैक्टर रहे जो हार का कारण बने. सिस्टम का हिस्सा होने पर मैं भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेती हूं.'

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार की और भाजपा एवं आम आदमी पार्टी पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'जनता ने अपना जनादेश दे दिया। जनादेश कांग्रेस के विरूद्ध भी दिया है। हम कांग्रेस और डीपीसीसी की तरफ से इस जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हैं।' उन्होंने कहा, 'हम निराश नहीं हैं। कांग्रेस को जमीनी स्तर पर और नए सिरे से मजबूत करने का संकल्प दृढ़ हुआ है। कांग्रेस के कार्यकर्ता और साथी का हम धन्यवाद करते हैं। हम नवनिर्माण का संकल्प लेते हैं।'


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